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कश्मीर में रिकॉर्ड हिमपात से बागवानी को 2250 करोड़ का नुकसान

कश्मीर में बागवानी क्षेत्र को करीब 2250 करोड़ रुपये का नुकसान बताया जा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 10:30 AM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 10:30 AM (IST)
कश्मीर में रिकॉर्ड हिमपात से बागवानी को 2250 करोड़ का नुकसान
कश्मीर में रिकॉर्ड हिमपात से बागवानी को 2250 करोड़ का नुकसान

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो  : कश्मीर घाटी में इस माह सात नवंबर को हुए हिमपात ने 50 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यह हिमपात अगले मौसम के लिए बागवानी व कृषि क्षेत्र के लिए भी वरदान साबित होगा। यह बात अलग है कि इससे वादी में बागवानी क्षेत्र को करीब 2250 करोड़ रुपये का नुकसान बताया जा रहा है।

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कश्मीर घाटी समेत राज्य के सभी उच्च पर्वतीय इलाकों में सात नवंबर को भीषण हिमपात हुआ था। इस दौरान जम्मू प्रांत के निचले इलाकों में भी मूसलधार बारिश हुई थी। इसके बाद भी नियमित अंतराल पर बारिश और हिमपात होता रहा।

मौसम विभाग के अनुसार, इस साल पूरे नवंबर माह के दौरान राज्य में हिमपात बीते साल की तुलना में ज्यादा रहा है। नवंबर 2018 में सिर्फ 116.7 मिलीमीटर हिमपात रिकॉर्ड किया गया था, जबकि इस साल नवंबर माह के दौरान 131.8 मिलीमीटर हिमपात हुआ है। इस साल बीते साल की तुलना में 15.1 मिलीमीटर ज्यादा हिमपात हुआ है। मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोटस के अनुसार, इस बार नवंबर माह के दौरान हुआ हिमपात न सिर्फ बीते साल की तुलना में ज्यादा रहा है, बल्कि इसने 50 साल का नवंबर माह के दौरान 24 घंटे के दौरान होने वाले सबसे ज्यादा हिमपात का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है। इससे पूर्व 1969 में श्रीनगर व उसके साथ सटे इलाकों में 24 घंटे के दौरान 64.3 मिलीमीटर बर्फ रिकॉर्ड की गई थी, जबकि इस साल सात नवंबर को श्रीनगर और उसके साथ सटे इलाकों में 76.8 मिलीमीटर बर्फ रिकॉर्ड की गई।

बारिश और हिमपात से जमीनों की बढ़ेगी नमी :

शेरे कश्मीर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्कॉस्ट कश्मीर में वैज्ञानिक डॉ. संदीप ने कहा कि इस नवंबर में हिमपात व बारिश ने यहां बागवानी और कृषि क्षेत्र को बेशक नुकसान पहुंचाया है। खेतों में तैयार खड़ी धान की फसल व बागों में पेड़ टूट गए, लेकिन हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि नवंबर-दिसंबर में होने वाला हिमपात ही पहाड़ों पर ज्यादा दिनों तक टिका रहता है। ग्लेशियरों को मजबूती देता है। इसके अलावा इसी बारिश और हिमपात से यहां जमीनों की नमी बढ़ेगी, जो आगामी सीजन में बागों व फसलों के लिए बेहतर होगा। जमीन जितनी ज्यादा नम होगी, कश्मीर में पैदा होने वाला सेब उतना ही ज्यादा मीठा व रसीला होगा। इसके अलावा केसर के खेतों को भी इससे फायदा पहुंचेगा। गर्मियों में नदी-नालों का जलस्तर भी पर्याप्त रहेगा।

बागवानी को नुकसान की अंतिम रिपोर्ट तैयार की जा रही :

बागवानी विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि नवंबर माह के दौरान अलग-अलग दिनों के दौरान और सात नवंबर को हुए भीषण हिमपात से कश्मीर घाटी में सबसे ज्यादा बागवानी क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। शुरुआती आकलन में यह नुकसान करीब 2250 करोड़ रुपये का है। अधिकांश बागों में जवान और व्यस्क फलदार पेड़ टूटे हैं। राजस्व विभाग के अधिकारियों और बागवानी जगत से जुड़े लोगों के साथ मिलकर इस नुकसान की अंतिम रिपोर्ट तैयार की जा रही है। बता दें कि सात नवंबर को हुए हिमपात के दौरान श्रीनगर से देश के विभिन्न हिस्सों के लिए करीब 50 उड़ाने रद करनी पड़ी थीं। इसके अलावा पूरे माह के दौरान हिमपात, भूस्खलन के चलते करीब 12 दिन जम्मू-श्रीनगर हाईवे भी बंद रहा है।


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