जुम्मे पर एक बार फिर पाबंदियों के दायरे में रहा कश्मीर, कुछेक इलाकों में हुआ पथराव
सड़कों पर कंटीली तारें और अवरोधक भी लगा दिए गए। सुरक्षाबलों को तैनाती जो कल तक लगातार घटती नजर आरही थीआज फिर बड़ी हुई नजर आयी।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। घाटी में शुक्रवार को प्रशासन ने शरारती और राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा हिंसा भड़काए जाने की आशंका को देखते हुए एक बार फिर विभिन्न इलाकों में प्रशासनिक पाबंदियों को लागू कर दिया। इससे सामान्य जनजीवन प्रभावित नजर आया। सभी संवेदनशील इलाकों में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बड़ी संख्या में अर्द्धसैनिकबलों और पुलिस के जवानों को तैनात किया गया। कुछेक इलाकों में पथराव की छिट-पुट घटनाओं के अलावा अन्यत्र स्थिति पूरी तरह शांत रही। हालांकि एतिहासिक जामिया मस्जिद में लगातार पांचवे शुक्रवार को भी नमाज-ए-जुम्मा नहीं हुई।
हालात में सुधार को देखते हुए प्रशासन ने गत शनिवार को वादी के लगभग सभी हिस्सों से दिन की प्रशासनिक पाबंदियों को हटा लिया था। विभिन्न सड़कों पर लगाए गए अवरोधक भी हटा दिए गए थे। यही नहीं अधिकांश इलाकों से सुरक्षाबलों की मौजूदगी भी कम कर दी। आज प्रशासन ने एक बार फिर ग्रीष्मकालीन राजधानी में डाऊन-टाऊन, सौरा और वादी के अन्य सभी संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा को लागू कर दिया। विभिन्न सड़कों पर कंटीली तारें और अवरोधक भी लगा दिए गए। सुरक्षाबलों को तैनाती जो कल तक लगातार घटती नजर आरही थी,आज फिर बड़ी हुई नजर आयी।
सामान्य जनजीवन पर भी पड़ा पाबंदियों का असर
प्रशासनिक पाबंदियों का असर सामान्य जनजीवन पर भी नजर आया। सड़कों पर बीते दिनों के दौरान आम लोगों और वाहनों की लगातार बड़ती आवाजाही पर आज ब्रेक लगा नजर आया। सभी प्रमुख बाजार और दुकानें बीते दिनाें की तरह ही बंद रही। सड़कों पर लगातार बड़ रही ठेलों की संख्या भी आज घट चुकी थी। अलबत्ता, सुबह-शाम विभिन्न् इलाकों में रोजमर्रा के साजो सामान की दुकानें पहले की तरह ही खुली। सरकारी कार्यालय और बैंक खुले थे, लेकिन कर्मचारियों की उपस्थिति आज प्रशासनिक पाबंदियों से प्रभावित नजर आयी। अलबत्ता, श्रीनगर के सीविल लाइन्स इलाकों में राजबाग, जवाहरनगर, सन्नतनगर और बरजुल्ला व लालचौक और इसके साथ सटे इलाकों में प्रशासनिक पाबंदियां नहींथी। इन इलाकों में सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बिना किसी रोक टोक जारी रही।
एतिहासिक जामिया मस्जिद में नहीं पढ़ी गई जुम्मे की नमाज
एतिहासिक जामिया मस्जिद , हजरतबल दरगाह और खानकाह मौला में आज प्रशासनिक पाबंदियों के चलते नमाज ए जुम्मा नहीं हुई। इन इलाकों में शरारती तत्वों द्वारा नमाज ए जुम्मा की आड़ में जमा हो बड़े पैमाने पर हिंसा किए जाने की आशंका से निपटने के लिए निषेधाज्ञा को पूरी सख्ती के साथ लागू किया गया था। किसी भी बाहरी व्यक्ति को इन इलाकों मेंं जमा नहीं होने दिया गया। इसके कारणजामिया मस्जिद , हजरतबल दरगाह व खानकाह मौला में नमाजी भी जमा नहीं हो पाए आैर नमाज ए जुम्मा नहीं हुई। अलबत्ता, अन्य सभी मस्जिदों में नमाज ए जुम्मा शांतिपूर्ण तरीके से ही संपन्न हुई।
जामिया मस्जिद से करीब 500 मीटर की दूरी पर नक्शबंद साहब इलाके में रहने वाले आदिल अहमद ने कहा कि एक तरफ यहां सरकार दावा करती है कि हालात सुधर गए हैं, शांति बहाल है। दूसरी तरफ यहां प्रशासनिक पाबंदियां लागू की जाती हैं। हमें आज नमाज के लिए जामिया मस्जिद में नहीं जाने दिया गया। कहते हैं लैंडलाइन सेवा बहाल हो गई है, फिर मेरे घर का फोन क्यों नहीं चला। मैंने तो बिल भी जमा कर रखा है। आज सुबह मैं दूध और ब्रेड लेने के लिए घर से निकल रहा था तो गली के बाहर खड़े सीआरपीएफ जवानों ने कहा कर्फ्यू है।
घाटी के तीन हिस्सों में हुए प्रदर्शन
इस बीच, सौरा समेत घाटी के तीन हिस्सों में शरारती तत्वों ने भड़काऊ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकलाने का प्रयास किया। इन तत्वों ने वहां तैनात सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया। लेकिन मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने त्वरित कार्रवाई कर स्थिति पर तुरंत काबू पा लिया। अलबत्ता, श्रीनगर स्थित पुलिस नियंत्रण कक्ष में मौजूद एक अधिकारी ने हिंसा की किसी भी घटना सें इंकार करते हुए कहा कि आज स्थिति पूरी तरह शांत और नियंत्रित रही है।