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अस्पतालों की छतों पर बनाए जा रहे रेडक्रास के निशान

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर/जम्मू : पुलवामा में उठा विस्फोटकों के धुएं का गुब्बार अब उत्तरी कश्मीर में

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Feb 2019 02:57 AM (IST)Updated: Thu, 28 Feb 2019 02:57 AM (IST)
अस्पतालों की छतों पर बनाए जा रहे रेडक्रास के निशान
अस्पतालों की छतों पर बनाए जा रहे रेडक्रास के निशान

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर/जम्मू : पुलवामा में उठा विस्फोटकों के धुएं का गुब्बार अब उत्तरी कश्मीर में एलओसी से सटे उड़ी सेक्टर से होते हुए पीरपंजाल के दक्षिण में स्थित राजौरी-पुंछ के अग्रिम इलाकों तक पहुंच गया है। मोर्टार और तोप के गोलों के रुक-रुक कर गूंजते धमाके बता रहे हैं कि बिना एलान जंग शुरू हो चुकी है। गोलाबारी से प्रभावित इलाकों के सहमे लोग डर को सीने में दबाए पलायन की तैयारी में हैं। अस्पतालों की छतों पर रेडक्रॉस के लाल रंग में निशान बनाए जा रहे हैं।

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सीमावर्ती इलाकों में लोगों को अपने घरों में रात को रोशनी न करने की हिदायत दी गई है। तनाव कम करने के लिए पंच-सरपंचों की प्रशासनिक अधिकारियों से बैठक हो रही है। हवाई अड्डों को बेशक कुछ देर बंद रखने के बाद फिर से नागरिक उड़ानों के लिए खोल दिया गया है, लेकिन अधिकारियों को रनवे किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रखने को कहा गया है। करना पड़ सकता है पलायन: हाजी इनायत

उड़ी सेक्टर में बुधवार तड़के पाकिस्तानी सैनिकों ने जंगबंदी का उल्लंघन किया। इसी क्षेत्र के नांबला गांव के रहने वाले हाजी इनायत ने कहा कि बेशक हमने घर नहीं छोड़ा है, लेकिन छोड़ने के लिए तैयार बैठे हैं। यहां बंकर तो हैं, लेकिन उनमें कितनी देर रहा जा सकता है। बच्चों को मैंने बारामुला में अपनी ससुराल भेज दिया है। पता नहीं कब कौन सा गोला हमारे घर आकर गिरे। कोई जनहानि नहीं : एसएसपी

एसएसपी बारामुला अब्दुल क्यूम ने कहा कि गोलाबारी में कोई जनहानि नहीं हुई है। हमने कुछ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है, लेकिन पलायन की कोई बात नहीं है। उड़ी के दाएं तरफ पीरपंचाल के पार नियंत्रण रेखा से सटे राजौरी और पुंछ में जिला मुख्यालय बेशक पूरी तरह शांत हैं, लेकिन सैन्यबलों की आवाजाही, नियंत्रण रेखा की तरफ जाती फौजी गाड़ियों के हॉर्न और नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों से घायल नागरिकों को लेकर आती एंबुलेंस के सायरन की आवाज हालात की संवेदनशीलता बता देती है। उम्मीद करें जल्द हालात शांत होंगे

पुंछ के जलास के रहने वाले सिमरनजीत सिंह ने कहा कि हमारा गांव पूरी तरह पाकिस्तानी फायरिग रेंज में है। डर तो है, लेकिन उम्मीद है जल्द हालात शांत हो जाएंगे। सोच रहे हैं कि जम्मू में अपने मामा के घर चले जाएं। उसने कहा कि स्कूलों को बंद कर दिया गया है। घरों पर गिरे गोले : इखलाक चौधरी

राजौरी के अग्रिम छोर पर स्थित एक गांव में बसे इखलाक चौधरी ने कहा कि जंग का एलान करने के लिए लाउड स्पीकर की जरूरत नहीं पड़ती। पाकिस्तान के जंगी जहाज आए थे। हम बेशक बच गए, लेकिन क्या पता कल उनका गोला हमारे ऊपर गिरे। उनकी तोपें तो कल से ही हमारे घरों पर गोले गिरा रही हैं। उम्मीद कर रहे हैं कि यह गोलाबारी अगले एक दो दिन में शांत हो जाएगी। जंग जैसे हालात से मंडलायुक्त का इन्कार

मंडलायुक्त कश्मीर बसीर अहमद खान और मंडलायुक्त जम्मू संजीव वर्मा औपचारिक रूप से जंग जैसे हालात से इन्कार करते हैं। लेकिन उनके हाव-भाव बता देते हैं कि वह भी हालात को लेकर आशंकित हैं। बसीर खान ने कहा कि हालात की लगातार निगरानी की जा रही है। सरहदों पर तनाव और गोलाबारी का असर सामान्य तौर पर जनजीवन पर बेशक नजर नहीं आए, लेकिन असर है। सभी एहतियात कदम उठाए गए हैं। अफवाहों ने ज्यादा डर पैदा कर रखा है। एडवोकेट आफाक ने कहा कि जिस तरह से गोलाबारी हो रही है, वह जंग का माहौल बनाती है। लेकिन पूरी जंग छिड़ेगी, इसकी उम्मीद नहीं है।

बुलेट प्रूफ वाहन व एंबुलेंस उपलब्ध करवाए

राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने आपात स्थिति से निपटने के लिए काम शुरू कर दिया है। गोलाबारी की तीव्रता बढ़ने पर लोगों को निकालने की पूरी ड्रिल कर ली गई है। बुलेट प्रूफ वाहनों के अलावा पर्याप्त संख्या में एंबुलेंस संवेदनशील अग्रिम इलाकों में पुलिस अधिकारियों को उपलब्ध कराए गए हैं। एसडीआरएफ, होम गा‌र्ड्स को भी तैयार रहने के लिए कहा गया है। अफवाहें फैलानों वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

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अस्पतालों को बचाएंगे रेडक्रॉस

प्रशासन ने वादी में सभी सरकारी अस्पतालों को छतों पर लालरंग में रेडक्रॉस का बड़ा निशान बनाने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने गत सप्ताह सभी अस्पतालों को जीवन रक्षक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के पर्याप्त भंडारण का आदेश जारी किया था।

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के अधीनस्थ एसएमएचएस अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी अस्पतालों की छत पर लाल रंग से रेडक्रॉस का निशान बनाने के लिए कहा गया है। मकसद यह है कि अंतरराष्ट्रीय नियमों को ध्यान में रखते हुए दुश्मन देशों के विमान अस्पतालों पर बम न गिराएं। उन्होंने बताया कि शेरे कश्मीर आयुíवज्ञान संस्थान सौरा ने भी अपनी सभी वरिष्ठ फैकल्टी के शरदकालीन अवकाश को रद कर दिया है। सभी डॉक्टरों व पैरामेडिकल कर्मियों को ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया गया है।


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