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राजनाथ सिंह ने राज्य से जुड़े अहम मुद्दे उठाए कहा- युवाओं को मुख्यधारा मे लाएं

राजनाथ सिंह ने बैठक मे अल-कायदा, आइएसआइएस के आतंकियो की कश्मीर मे बढ़ती संख्या पर इससे निपटने के विभिन्न उपायो पर विचार प्रकट किए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 11 Sep 2017 10:50 AM (IST)Updated: Mon, 11 Sep 2017 11:51 AM (IST)
राजनाथ सिंह ने राज्य से जुड़े अहम मुद्दे उठाए कहा- युवाओं को मुख्यधारा मे लाएं
राजनाथ सिंह ने राज्य से जुड़े अहम मुद्दे उठाए कहा- युवाओं को मुख्यधारा मे लाएं

श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को सुरक्षा एजेंसियों को समन्वय बनाए रखते हुए आतंकियो और उनके समर्थकों के खिलाफ अभियान जारी रखने के साथ युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हे आतंक के रास्ते पर जाने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।

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उन्होंने यह निर्देश देर शाम राज्यपाल एनएन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक मे राज्य के आंतरिक और बाहरी सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा करते हुए जारी किए। बैठक मे उपमुख्यमंत्री, केद्रीय गृह सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद समेत राज्य पुलिस के आलाधिकारी, महानिदेशक सीआरपीएफ व सीआरपीएफ के कश्मीर मे तैनात वरिष्ठ अधिकारी, बीएसएफ के आलाधिकारी, सेना के कोर कमांडर व सभी केंद्रीय और राज्य खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। शाम साढ़े सात बजे शुरू हुई बैठक लगभग दो घंटे तक चली। पुलिस महानिदेशक ने राज्य के मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य पर रोशनी डालते हुए आतंकरोधी अभियानो की रणनीति का भी जिक्र किया। उन्होंने आतंकियो, अलगाववादियो से निपटते हुए राज्य विशेषकर कश्मीर घाटी मे कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लागू किए जा रहे उपायो से गृहमंत्री को अवगत कराया।

अधिकारियो ने बैठक मे अल-कायदा और आइएसआइएस की विचारधारा के आतंकियो की कश्मीर मे बढ़ती संख्या पर भी चर्चा के साथ इससे निपटने के विभिन्न उपायों पर विचार प्रकट किए। केंद्रीय गृहमंत्री ने वादी मे ऑपरेशन ऑल आउट और एलओसी पर घुसपैठ से निपटने के उपायों के साथ शांति बहाली के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा करते हुए सुरक्षा एजेसियो को आतंकवाद के खिलाफ सफल अभियानों के लिए सराहा। उन्होंने आतंकियो व अलगाववादियों के खिलाफ अभियान तेज करने का निर्देश देते हुए कहा कि आम लोगों के जानमाल की सुरक्षा को भी यकीनी बनाया जाए। आतंकियो व उनके संरक्षको पर लगातार दबाव बनाया जाए ताकि कश्मीर मे हालात को जल्द सामान्य बनाया जा सके।

केद्रीय गृहमंत्री के समक्ष राज्य से जुड़े अहम मुद्दे उठाए

केद्रींय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की रविवार को राजनीतिक दलों, सामाजिक व सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधिमंडलों के साथ हुई बैठकों मे धारा 370, 35ए, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के छापे, रो¨हग्या मुसलमानो की वापसी और संबंधित पक्षो से बातचीत के मुद्दे छाए रहे।

राजनाथ सिंह ने सभी को गंभीरता से सुनने के बाद कहा कि मै यहां खुले मन से आया हूं। कश्मीर को स्वर्ग बनाने के लिए हम सभी के साथ मिलकर चलने को तैयार है, लेकिन राष्ट्रीय एकता व अखंडता से कोई समझौता नही होगा। केंद्रीय गृहमंत्री शनिवार से राज्य के चार दिवसीय दौरे पर है। पहले दिन शनिवार को उन्होने 35 प्रतिनिधिमंडलो से मुलाकात की थी, जबकि रविवार को दक्षिण कश्मीर मे राज्य पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को संबोधित करने, श्रीनगर मे युवाओ के एक प्रतिनिधिमंडल के अलावा नेशनल कांफ्रेस, कांग्रेस, माकपा और भाजपा समेत मुख्यधारा की सियासत से जुड़े एक दर्जन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के अलावा नागरिक समाज के विभिन्न संगठनों और प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की।

अपने 13 साथियो संग केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात करने के बाद नेकां के कार्यवाहक अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने कश्मीर समस्या के सर्वमान्य हल के लिए पाकिस्तान समेत सभी पक्षों से बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने, राज्य की स्वायलाता बहाल करने और धारा 35ए व धारा 370 के खिलाफ साजिशों को खत्म कर इनके संरक्षण को यकीनी बनाने के लिए कहा है।

उन्होंने कहा कि हमने राजनाथ सिंह से राज्य के बिगड़ते हालात और राज्य सरकार की नाकामियों पर भी चर्चा की है। इसके साथ ही मुख्यधारा से विमुख नौजवानो के प्रति ताकत के बजाय प्रेम व सौहार्द की भावना अपनाने और उनसे संवाद बनाने का आग्रह किया है।

निर्दलीय विधायक और अवामी इलोहाद पार्टी के चेयरमैन इंजीनियर रशीद ने कहा कि हमने गृहमंत्री से कहा है कि कश्मीर मसले के हल का सही तरीका नियंत्रण रेखा के आर-पार रायशुमारी ही है। हमने एनआइए के छापों का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि सिर्फ हुर्रियत नेताओं के खिलाफ ही क्यो, यहां जब से आतंकवाद शुरू हुआ है तभी से कई सियासतदानों और नौकरशाहो ने भी खूब माल बनाया है, उनकी भी जांच हो।

रशीद ने कहा कि हमने हुर्रियत नेताओं और पाकिस्तान समेत सभी पक्षों से बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने, सुरक्षाबलों की ज्यादतियो पर रोक लगाने, जेलो मे बंद युवको की रिहाई और पिछले सप्ताह लोलाब मे लापता युवक मंजूर लोन का मुद्दा भी उठाया। कश्मीरियों को प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के भाषण पर जमीनी स्तर पर अमल की उम्मीद है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा ने कहा कि हमने केंद्रीय गृहमंत्री से कहा है कि हम एजेंडा ऑफ एलांयस को लेकर संकल्पबद्घ है, लेकिन धारा 35ए पर न्यायालय का फैसला सर्वाेपरि होना चाहिए। हमने एनआइए की जांच का दायरा बढ़ाने, रो¨हग्या मुसलमानों को जम्मू से वापस भेजने, पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियो का मुद्दा हल करने, विस्थापित कश्मीरी पंडितो के पुनर्वास को यकीनी बनाने और उनके लिए छह हजार नौकरियों की प्रक्रिया जल्द पूरा करने की मांग की है।

माकपा प्रदेश सचिव मुहम्मद यूसुफ तारीगामी, पीडीपीएफ चेयरमैन हकीम मुहम्मद यासीन और डीपीएन प्रमुख ने केंद्रीय गृहमंत्री से बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि हमने राज्य के मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए सभी पक्षों से वार्ता प्रक्रिया शुरू करने और धारा 35ए व धारा 370 के संरक्षण को यकीनी बनाने पर जोर दिया है। केद्रीय गृहमंत्री को बताया गया है कि कश्मीरियों की आहत भावनाओ पर मलहम लगाने की जरूरत है, लेकिन धारा 35ए को भंग किए जाने के किसी भी प्रयास से कश्मीर के हालात और ज्यादा बिगड़ेगे। पंचायतो और निकायों के चुनावो के अलावा नौजवानों के लिए रोजगार और विकास मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

पीडीपी महासचिव सरताज अहमद मदनी ने कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर मे विकास कार्याे में तेजी लाने, सभी मुद्दों के हल के लिए संबधित पक्षों से बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने और धारा 35ए व धारा 370 के संरक्षण को यकीनी बनाने और नियंत्रण रेखा के आर-पार आने जाने के लिए अन्य रास्ते खोलने पर जोर दिया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीरजादा मुहम्मद सईद ने कहा कि हमने राज्य मे हालात सामान्य बनाने, धारा 35ए और पंचायत व स्थानीय निकायों के चुनावों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपने पक्ष से केंद्रीय गृहमंत्री को अवगत कराया है।

केद्रीय गृहमंत्री से इम्तियाज अफजल बेग के नेतृत्व मे ऑल जेएंडके पंचायत कांफ्रेस और मकबूल मलिक के नेतृत्व मे पैथर्स पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के अलावा ऑल पार्टी सिख कोआर्डिनेशन कमेटी ओर कश्मीर सोसाइटी के प्रतिनिधिमंडल ने भी मुलाकात की।

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