वादी में निजी चैनल लोगों को जोड़ने का बना जरिया
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में के कुछ निजी टीवी चैनल लोगों को एक दूसरे से जोड़ने का माध्यम बन गए हैं। इससे वह देश के अन्य हिस्सों में रह रहे अपनों तक संदेश पहुंचा पा रहे हैं।
संवाद सहयोगी, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संचार सेवाएं बंद करने से वादी का देश दुनिया से संपर्क कटा हुआ है। इस बीच, वादी की कुछ निजी टीवी चैनल लोगों को एक दूसरे से जोड़ने का माध्यम बन गए हैं।
टीवी चैनलों ने संदेशों पर आधारित कार्यक्रम प्रसारित करना शुरू कर दिए हैं, जिससे देश के अन्य हिस्सों में रह रहे लोग कश्मीरी घाटी में अपने परिजनों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। एक निजी टीवी चैनल शाम 7:30 बजे न्यूज बुलेटिन के बाद पैगाम नाम से कार्यक्रम प्रसारित कर रहा है, जिस पर राज्य से बाहर और दुनिया के अन्य हिस्सों में पढ़ाई या बिजनेस के सिलसिले में रह रहे लोग अपने परिजनों को पैगाम भेजकर उनकी कुशलक्षेम पूछते हैं। इस कार्यक्रम से वादी से बाहर रहने वालों को कुछ राहत मिल रही है।
इसहाक भट नामक एक व्यक्ति ने बताया कि उनकी बेटी दिल्ली में पढ़ाई कर रही है, लेकिन पांच अगस्त से उससे संपर्क नहीं हो पा रहा था। श्रीनगर के डीसी ऑफिस में प्रशासन की ओर से स्थापित फोन बूथ पर जाकर हमने अपनी बेटी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। हमारा परिवार बहुत परेशान था। इसके बाद हमने एक निजी टीवी चैनल के माध्यम से उसके नाम एक पैगाम भेजा। जवाब में उसने भी उसी टीवी चैनल पर अपनी खैरियत का पैगाम भेजा।
मोहम्मद सुलतान परा ने बताया कि उसका अपने बेटे माजिद जो कतर में एरोनॉटिक इंजीनियर है, से संपर्क नहीं हो पा रहा था। हमने अपने इलाके के थाने में स्थापित फोन बूथ पर जाकर बेटे से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उससे संपर्क नहीं हो सका। 14 दिन बाद मेरे एक परिजन ने घर आकर सूचना दी कि मेरे बेटे ने यहां की निजी टीवी चैनल पर अपनी खैरियत का पैगाम भेजा था। इसके बाद परिवार ने राहत की सांस ली।
गौरतलब है कि वादी में मोबाइल फोन, इंटरनेट, लैंडलाइन फोन व ब्राडबैंड सेवाएं बंद होने के बाद प्रशासन ने जिला मुख्यालयों और पुलिस थानों में सेटेलाइट फोन बूथ स्थापित किए हैं, लेकिन इन बूथों पर भारी भीड़ के कारण अधिकांश लोग वादी और देश से बाहर रहने वाले परिजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।