जीएसटी पर विधानसभा सत्र को स्थगित करने की योजना
राज्य में जीएसटी व्यवस्था को बहाल करने के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष में कई नीतिगत मतभेद हैं।
श्रीनगर,[ राज्य ब्यूरो] । वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के मुददे पर 17 जून को शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र को पहले ही दिन स्थगित करने की योजना पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। यह सत्र इस मुद्दे पर आम राय पैदा होने तक स्थगित रहेगा और संभवत: ईद-उल-फितर के बाद दोबारा शुरू हो।
राज्य में जीएसटी व्यवस्था को बहाल करने के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष में कई नीतिगत मतभेद हैं। व्यापारिक संगठन भी इसके खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। विपक्ष ने राज्य में अपना जीएसटी अधिनियम लागू करने पर जोर देते हुए सत्र को स्थगित करने की मांग की है।
राज्य सरकार ने जीएसटी पर होने जा रहे सत्र को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए सभी दलों के साथ चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक में नेकां, कांग्रेस के अलावा सत्ताधारी पीडीपी-भाजपा के प्रतिनिधियों के साथ निर्दलीय विधायक भी शामिल हुए।बैठक में विपक्ष के नेताओं और विधायकों ने सत्र को स्थगित करने पर जोर दिया।
हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बैठक में सरकार ने संकेत दिया कि 17 जून को सिर्फ शोक प्रस्ताव होगा और उसके बाद स्पीकर कवींद्र गुप्ता ईद तक सत्र को स्थगित कर देंगे। इस अवधि में राज्य सरकार रियासत में जीएसटी के मुद्दे पर आम राय बनाएगी।बैठक में संसदीय मामलों के मंत्री अब्दुल रहमान वीरी, कानून मंत्री अब्दुल हक खान, नेकां की तरफ से विधायक अली मुहम्मद सागर और मियां अल्ताफ, कांग्रेस की तरफ से एजाज अहमद खान व विकार रसूल और पीडीएफ के हकीम मुहम्मद यासीन ने भाग लिया।
सूत्रों ने बताया कि सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की स्पीकर कवींद्र गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक होगी। इस समिति में उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह, कांग्रेस, नेकां और पीडीपी के मुख्य सचेतक भी शामिल हैं। सुबह दस बजे यह बैठक होगी और बिजनेस एडवाइजरी कमेटी ईद के बाद फिर शुरू होने वाले सत्र के दौरान होने वाली सदन की कार्यवाही की रूपरेखा तय करेगी।नेकां के विधायक अली मुहम्मद सागर ने कहा कि जीएसटी के मुद्दे पर हमारा स्टैंड स्पष्ट है।
हम राज्य की राजनीतिक स्वायत्तता और वित्तीय संप्रभुता पर आंच नहीं आने देंगे। हम राज्य में केंद्रीय कानून को सीधे तौर पर लागू करने के पक्ष में नहीं हैं। अगर हम केंद्र के जीएसटी कानून को लागू करते हैं तो राज्य के पास कर लागू करने या इसे हटाने का अधिकार नहीं रहेगा।
संसदीय मामलों के मंत्री अब्दुल रहमान वीरी ने कहा कि सत्र को शोक प्रस्ताव के बाद ईद तक स्थगित किया जाएगा, जबकि स्पीकर ने पिछले दिन कहा था कि जीएसटी पर सत्र चार दिन चलेगा।