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पीडीपी सांसद ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, कहा-कश्मीर के हालात जानने के लिए मंत्रियों का दल भेजें

लावे के यह पत्र उस समय लिखा है जब राज्य सरकार ने हालात में बेहतरी के आधार पर कश्मीर में पर्यटकों के लिए अपनी एडवाईजरी को वापस लेने के अलावा सभी शिक्षण संस्थानों को भी खोल दिया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 03:56 PM (IST)Updated: Thu, 10 Oct 2019 03:56 PM (IST)
पीडीपी सांसद ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, कहा-कश्मीर के हालात जानने के लिए मंत्रियों का दल भेजें
पीडीपी सांसद ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, कहा-कश्मीर के हालात जानने के लिए मंत्रियों का दल भेजें

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में स्थिति को पूरी तरह सामान्य बनाने व राजनीतिक गतिविधियों को बहाल करने की जारी प्रक्रिया के बीच वीरवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद नजीर अहमद लावे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीर के हालात का जायजा लेने के लिए केंद्रीय मंत्रियों के एक समूह को भेजने की मांग की है।

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राज्यसभा में सांसद नजीद अहमद लावे ने प्रधानमंत्री को इस संबंध में एक पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के हालात का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार को मंत्रियों के एक समूह को घाटी में जल्द से जल्द भेजा जाना चाहिए। इसके साथ ही केंद्र सरकार काे कश्मीर में बंद बड़ी मोबाइल व इंटरनेट सेवा को तत्काल प्रभाव से बहाल करना चाहिए। लोकतंत्र को मजबूत बनाने और कश्मीर में सियासी गतिविधियों को गति देने के लिए सभी नजरबंद व एहतियातन हिरासत में लिए गए राजनीतिक कैदियों को भी उन्होंने रिहा करने की बात कही।

लावे के यह पत्र उस समय लिखा है, जब राज्य सरकार ने हालात में बेहतरी के आधार पर कश्मीर में पर्यटकों के लिए अपनी एडवाइजरी को वापस लेने के अलावा सभी शिक्षण संस्थानों को भी खोल दिया है। अब राजनीतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राजनीतिक लोगों को धीरे धीरे सशर्त रिहा भी किया जा रहा है।

गौरतलब है कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर पुनगठन अधिनियम 2019 के तहत जम्मू कश्मीर को दो केंद शाासित राज्यों में विभाजित किए जाने के बाद से ही घाटी में तनाव बना हुआ है। राज्य सरकार ने हालात को सामान्य बनाए रखने के लिए सभी पमुख राजनीतिक दलों के नेताओं व कायकर्त्ताओं को एहितयातन हिरासत में लेने के अलावा एहतियातन पशासनिक पाबंदियां भी लागू की जिन्हें हालात में सुधार के आधार पर हटाया गया। अलबत्ता, अपने एजेंडे को नाकाम होते देख हताश आतंकी व अलगाववादी वादी में जबरन बंद लागू करा रहे हैं। अपना फरमान न मानने वालों को आतंकियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। इसके बावजूद वादी में सामान्य जनजीवन धीरे धीरे पटरी पर लौट रहा है।


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