हंगामेदार रही पीडीपी की बैठक
नवीन नवाज, श्रीनगर : पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार के टूटने का खतरा शनिवार को ट
नवीन नवाज, श्रीनगर :
पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार के टूटने का खतरा शनिवार को टल गया। पीडीपी के वरिष्ठ नेता और लोक कार्य मंत्री नईम अख्तर ने भी दावा किया कि दोनों दलों में मतभेद हल हो चुके हैं। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अध्यक्षता में शनिवार को श्रीनगर में उनके आवास पर हुई पीडीपी की कार्यकारिणी की बैठक हंगामेदार रही। पीडीपी के विधायकों ने भाजपा के दो मंत्रियों से इस्तीफे लेने पर मुख्यमंत्री का समर्थन किया व कहा कि अगर वह उचित समझें तो सरकार गिरा सकती हैं।
बैठक में पीडीपी विधायकों ने कहा कि अगर वह (महबूबा) भाजपा के मंत्रियों से इस्तीफे नहीं लेती तो आज यहां बैठक में अपनी ही पार्टी के विधायकों के इस्तीफे संभाल रहीं होती। बैठक में मौजूद रहे एक नेता ने बताया कि विधायकों ने मुख्यमंत्री से कहा कि अगर नई दिल्ली एजेंडा ऑफ एलांयस को लागू करने में ज्यादा रुचि नहीं दिखाती है तो उन्हें सरकार से बाहर होने में देरी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यही स्टैंड वर्ष 2009 में शोपियां में आसिफा व नीलोफर नामक दो महिलाओं की मौत पर लिया होता तो आज कश्मीर के हालात इतने खराब नहीं होते।
सभी विधायकों ने मुख्यमंत्री को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र की परिस्थितियों से अवगत कराते हुए बताया कि आतंकरोधी अभियानों में नागरिक मौतों का हालात पर प्रतिकूल असर हो रहा है। इससे पीडीपी के प्रति भी लोगों में नाराजगी पैदा हो रही है। इसलिए मुख्यमंत्री को सेना व अर्द्धसैनिकबलों की कार्रवाई का मुद्दा नई दिल्ली के साथ उठाना चाहिए। इसके साथ उन्होंने कहा कि नई दिल्ली पर हुर्रियत और पाकिस्तान के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने का दबाव बनाया जाए। पीडीपी के प्रमुख प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने बताया कि बैठक में एजेंडा ऑफ एलांयस पर अमल और भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत के मुद्दों पर कई सदस्यों ने अपनी बात रखी।
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