पीडीपी सांसद लावे को महंगा पड़ा एलजी मुर्मू के शपथ समारोह में जाना, पार्टी ने किया निष्कासित
प्रवक्ता ने कहा कि नजीर अहमद लावे का उपराज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हाेना पार्टी की नीतियों के खिलाफ है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने राज्यसभा सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता नजीर अहमद लावे को संगठन से निष्कासित कर दिया है। उन्हें केंद्र शासित जम्मू कश्मीर के पहले उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने पर निष्कासन झेलना पड़ा है। नजीर अहमद लावे के खिलाफ कार्रवाई की संकेत गत वीरवार को ही मिल गया था जब उन्होंने उपराज्यपाल जीसी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था।
उपराज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में गैर भाजपा दलों में से सिर्फ अकेले वही मौजूद थे। उनके अलावा समारोह में भाजपा के दो वरिष्ठ नेता स्पीकर जम्मू कश्मीर विधानसभा डा निर्मल सिंह और सांसद जुगल किशोर शर्मा मौजूद थे। संगठन से निकाले गए लावे अपनी प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हो पाए। उनका फोन लगातार व्यस्त रहनेऔर कवरेज क्षेत्र से बाहर रहने का संदेश सुना रहा है।
पीडीपी के प्रवक्ता ने आज यहां एक बयान जारी कर नजीर अहमद लावे को संगठन से निकाले जाने की जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि नजीर अहमद लावे बार बार संगठन विरोधी गतिविधियों में शामिल हो रहे थे, उन्होंने कई बार पार्टी का अनुशासन भी तोड़ा है। गत वीरवार को वह केंद्र शासित जम्मू कश्मीर के पहले उपराज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल हुए जबकि पार्टी का घोषित और सैद्धांतिक स्टैंड जम्मू कश्मीर की पांच अगस्त से पहले की संवैधानिक स्थिति की बहाली है।
प्रवक्ता ने कहा कि नजीर अहमद लावे का उपराज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हाेना पार्टी की नीतियों के खिलाफ है। यह जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के खिलाफ संगठन द्वारा लिए गए स्टैंड को भी कमजोर बनाता है। इसलिए पार्टी नेतृत्व ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें संगठन से निष्कासित किया है।
यहां यह बताना असंगत नहीं है कि नजीर अहमद लावे पहले भी कई मुददों पर पार्टी के घोषित स्टैंड के खिलाफ जा चुके हैं। राज्यसभा में जब तीन तलाक विधेयक पर मतदान हुआ था तो वह मतदान से दूर रहे थे जबकि पीडीपी चाहती थी कि वह इस विधेयक के खिलाफ मतदान करें। पांच अगस्त को राज्य विधानसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पेश किये जाने के दौरान उन्होंने पीडीपी के एक अन्य सांसद मीर मोहम्मद फैयाज के साथ विरोध स्वरुप विधेयक को फाड़ा था।
हालांकि वह कई बार जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने का विरोध कर चुके हैं, लेकिन जब भी उन्हें यह पूछा गया कि वह राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा क्यों नहीं देते तो उन्होंने हमेशा यही कहा कि हमारी नेता महबूबा मुफती इस समय हिरासत में हैं। उनके आदेश के बाद ही हम इस्तीफा देंगे। नजीर लावे ने गत दिनों ने गत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कश्मीर के हालात पर एक पत्र लिखकर हालात सामान्य बनाने व राजनीतिक बंदियों की रिहाई का आग्रह किया था।