पीडीपी ने जम्मू के मुस्लिमों के लिए भाजपा से किया था समझौता : महबूबा
जम्मू संभाग में भाजपा की जीत के बाद जम्मू संभाग में मुस्लिम समुदाय के लोग खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे थे।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : पीपुल्स डेमेाक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पीडीपी ने जम्मू के मुस्लिमों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए भाजपा के साथ गठजोड़ किया था। उन्होंने यह दावा सोमवार को अपने निवास पर जिला बडगाम से आए पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए किया। चाडूरा (कश्मीर) के बिनेसमैन व समाजसेवी मोहम्मद यासीन ने पीडीपी का दामन थामा। कुछ दिन पूर्व चाडूरा के कुछ लोगों ने महबूबा के घर के बाहर नारेबाजी करते हुए यासीन को आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी उम्मीदवार बनाने की मांग की थी।
गुपकार स्थित अपने निवास पर बडगाम (चाडूरा) से पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में महबूबा ने कहा कि पीडीपी का गठन सत्ता के लिए नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर को हिंसा के दुष्चक्र से निकालने, यहां शांति और तरक्की का माहौल बनाने, कश्मीरियों को उनका हक दिलाने के लिए हुआ है। भाजपा के साथ हमारा गठजोड़ रियासत के हितों को यकीनी बनाने के लिए हुआ था। हमने इसके लिए एक एजेंडा ऑफ एलांयस तय किया था। जब तक हम सत्ता में रहे हमने एजेंडा ऑफ एलांयस पर किसी तरह का समझौता नहीं किया। महबूबा ने कहा कि हमने भाजपा के साथ जम्मू संभाग के मुस्लिमों के हितों की सुरक्षा के लिए भी समझौता किया था। जम्मू संभाग में भाजपा की जीत के बाद जम्मू संभाग में मुस्लिम समुदाय के लोग खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे थे। भाजपा के साथ गठजोड़ जरूरी था। हमने अपने शासनकाल में जम्मू के मुस्लिमों की बेहतरी के लिए कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने ऑपरेशन ऑल आऊट का जिक्र किया कि हमने हमेशा सुरक्षाबलों की ज्यादतियों का विरोध किया है। हम हमेशा से कहते आए हैं जब तक कश्मीर मसमला हल नहीं होगा, न मुठभेड़ें रुकेंगी और न यहां आतंकवाद समाप्त होगा। उन्होंने नेकां को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हम पर नौजवानों की मौत का जिम्मा थोपने वाले खुद यहां फर्जी मुठभेड़ों में शामिल रहे पुलिस अधिकिारियों को सराहते रहे हैं। पथरीबल मुठभेड़ में लिप्त रहे एसएसपी की फारूक अब्दुल्ला बड़ी तारीफ करते थे। उमर अब्दुल्ला के दौर में भी कई मुठभेड़ें हुई हैं। पीडीपी अध्यक्षा ने कहा कि हमारा एक ही मकसद है यहां हालात सामान्य हो,जम्मू कश्मीर के लोगों की विशिष्ट पहचान और संवैधानिक हित पूरी तरह सुरक्षित रहें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2002 में जब पहली बार पीडीपी सत्ता में आायी थी तो उस समय हमने यहां फर्जी मुठभेड़ों पर रोक लगाते हुए यहां सुलह-बातचीत का प्रयास किया था।
क्रॉस एलओसी ट्रेड, क्रास एलओसी बस सेवा और अलगाववादी खेमे के साथ बातचीत भी पीडीपी के दौर में ही शुरु हुई थी। उन्होंने कहा कि हमारे ही दौर में सरहदों पर जंगबंदी हुई थी। बीते साल भी हमने यहां रमजान सीजफायर कराया था।