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सियासत को सींचने की जद्दोजहद में पीडीपी ने बनाए सात प्रवक्ता

कश्मीर में बदलते राजनीतिक परिदृश्य में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अपनी सियासत को अब नए सिरे से सींचने की जद्दोजहद में है। इसीलिए पार्टी ने अपने नीतिगत मुद्दों पर किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए बुधवार को सात सदस्यीय प्रवक्ता मंडल गठित किया है। इसकी कमान पार्टी के प्रमुख प्रवक्ता सुहेल बुखारी के हाथ में रहेगी। इसके अन्य सदस्यों में पूर्व एमएलसी फिरदौस टाक व पीडीपी की युवा इकाई के प्रधान वहीद उर रहमान पारा शामिल हैं। पांच अगस्त 2019 के बाद पीडीपी में यह अब तक का सबसे बड़ा संगठनात्मक फैसला है। बीते एक साल के दौरान पीडीपी के कई वरिष्ठ नेता अपने लिए अन्य दलों में नया ठिकाना बना चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 06:58 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 06:58 AM (IST)
सियासत को सींचने की जद्दोजहद में पीडीपी ने बनाए सात प्रवक्ता
सियासत को सींचने की जद्दोजहद में पीडीपी ने बनाए सात प्रवक्ता

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: कश्मीर में बदलते राजनीतिक परिदृश्य में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अपनी सियासत को अब नए सिरे से सींचने की जद्दोजहद में है। इसीलिए पार्टी ने अपने नीतिगत मुद्दों पर किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए बुधवार को सात सदस्यीय प्रवक्ता मंडल गठित किया है। इसकी कमान पार्टी के प्रमुख प्रवक्ता सुहेल बुखारी के हाथ में रहेगी। इसके अन्य सदस्यों में पूर्व एमएलसी फिरदौस टाक व पीडीपी की युवा इकाई के प्रधान वहीद उर रहमान पारा शामिल हैं। पांच अगस्त 2019 के बाद पीडीपी में यह अब तक का सबसे बड़ा संगठनात्मक फैसला है। बीते एक साल के दौरान पीडीपी के कई वरिष्ठ नेता अपने लिए अन्य दलों में नया ठिकाना बना चुके हैं।

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सात सदस्यीय प्रवक्ता मंडल की नियुक्ति को जम्मू कश्मीर की सियासत में पीडीपी के नए सिरे से सक्रिय होने की कवायद के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। प्रवक्ता मंडल में सुहेल बुखारी, फिरदौस टाक, वहीद उर रहमान पारा के अलावा डॉ. हरबख्श सिंह, सैयद ताहिर, मोहित भान और नाजिम साकिब भी हैं। पीडीपी के मुताबिक, पार्टी के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव के अलावा सिर्फ यही सात प्रवक्ता ही नीतिगत मुद्दों पर बातचीत कर सकते हैं। अगर किसी मुद़्दे पर पीडीपी के नेताओं को विचार-विमर्श के लिए बुलाया जाता है तो यही सात नेता ही उसके लिए अधिकृत हैं। इनके अलावा किसी का कोई भी बयान या बातचीत पीडीपी का अधिकारिक बयान नहीं होगा।

सितंबर में पीडीपी ने बीते एक साल के दौरान दो बार पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। इन बैठकों में प्रदेश में एक जनसंपर्क अभियान चलाने का फैसला लिया था, जिसे अगले चंद में शुरू किया जाना है। पीडीपी से जुड़े एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कई नेता हर मुद्दे पर बयानबाजी कर रहे हैं। उनके बयान कई बार पार्टी के घोषित राजनीतिक एजेंडे के खिलाफ होते हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी के अधिकांश नेता अब रिहा हो चुके हैं और संगठनात्मक गतिविधियां भी शुरू हो चुकी हैं। इसलिए किसी भी तरह के अनावश्यक विवाद से बचने के लिए ही यह प्रवक्ता मंडल बनाया गया है।


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