जनपहुंच कार्यक्रम: बागवानी के लिए कश्मीर को प्रकृति का वरदान
कश्मीर का सौभाग्य और प्रकृति का वरदान है कि यहां अनुकूल वातावरण मौसम और उपजाऊ भूमि है। यह बागवानी उत्पादों की उच्च उपज वाली खेती के लिए जरूरी है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि सरकार उच्च घनत्व वाले सेब के पौधारोपण को अपनाने के इच्छुक किसानों और कृषि उत्पादक संगठनों को बैंकों के माध्यम से सभी आवश्यक सहायता तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान करेगी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: कश्मीर का सौभाग्य और प्रकृति का वरदान है कि यहां अनुकूल वातावरण, मौसम और उपजाऊ भूमि है। यह बागवानी उत्पादों की उच्च उपज वाली खेती के लिए जरूरी है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि सरकार उच्च घनत्व वाले सेब के पौधारोपण को अपनाने के इच्छुक किसानों और कृषि उत्पादक संगठनों को बैंकों के माध्यम से सभी आवश्यक सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान करेगी। जम्मू कश्मीर में जन कल्याण और विकास की विभिन्न योजनाओं की मौजूदा स्थिति का जायजा लेने व जनाकांक्षाओं को समझने के लिए केंद्र सरकार ने जनपहुंच कार्यक्रम चला रखा है। इसी कार्यक्रम के तहत विभिन्न केंद्रीय मंत्री प्रदेश के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर रहे हैं। इसी क्रम में इरानी कश्मीर पहुंची हैं। उन्होंने बुधवार को बड़गाम के मलपोरा, मागाम, कनिपोरा में स्थानीय किसानों, दस्तकारों व जन प्रतिप्रतिनिधियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने जो भी तर्कसंगत समस्याएं बताई हैं, जिन मुद्दों को उठाया है, उन्हें हल किया जाएगा। इरानी ने मलपोरा मागाम में उच्च घनत्व और जल्दी पैदावार देने वाले सेब के बाग का दौरा किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में दुनिया में उच्च गुणवत्ता वाले सेब का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बनने की क्षमता है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन
मगाम के डिग्री कालेज परिसर में एनीमिया शिविर का भी उन्होंने उद्घाटन किया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर खेल परिषद द्वारा नवीनतम पैटर्न पर निर्मित और विकसित खेल स्टेडियम मगाम का भी उद्घाटन किया। स्टेडियम में मंत्री ने दो स्थानीय क्लबों के फुटबाल मैच को भी देखा। उन्होंने युवाओं से कहा कि वह खेलों में भी अपना भविष्य संवार सकते हैं, इसके लिए उपलब्ध अवसरों का उन्हें समुचित लाभ उठाना चाहिए। दस्तकारों को दिया आश्वासन
बड़गाम में स्थापित शिल्प ग्राम कनिहामा में केंद्रीय मंत्री ने दस्तकारों द्वारा तैयार शाल व अन्य सामान का निरीक्षण किया। उन्होंने कारीगरों को मिल रहीं सरकारी सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली है। उन्होंने कारीगरों और अन्य उत्पादकों को आश्वासन दिया कि सरकार कश्मीरी दस्तकारी के सामान के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार और मार्केटिग के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।