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पीएसए हटाने के संकल्प का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण : उमर

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 02:44 AM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 02:44 AM (IST)
पीएसए हटाने के संकल्प  का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण : उमर
पीएसए हटाने के संकल्प का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण : उमर

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) हटाने के हमारे विचार का विरोध होना दुर्भाग्यपूर्ण है।

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जिला बडगाम में बीरवाह से सटे एसकेपोरा में नेकां कार्यकर्ताओं की बैठक में उमर ने कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का असली चेहरा सामने आ चुका है। कुछ दिन पूर्व मैंने संकल्प लिया है कि नेकां जब भी बहुमत के साथ सत्ता में आएगी तो पीएसए हटाने में एक पल भी नहीं लेगी, लेकिन हमारे इस संकल्प के फौरन बाद पीडीपी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे पर हमें निशाना बनाना शुरू कर दिया, जैसे यही लोग कश्मीरियों के सबसे बड़े हमदर्द हैं।

उमर ने कहा कि अगर कांग्रेस व भाजपा जैसे राष्ट्रीय दल पीएसए हटाने के हमारे संकल्प का विरोध करते तो हम उनकी मजबूरी समझ सकते थे, लेकिन स्थानीय राजनीतिक दलों का विरोध समझ से परे है। मुझे उम्मीद थी कि यह लोग इस मुद्दे पर मेरा समर्थन करेंगे। उन्होंने पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कश्मीरियों की हमदर्द बनी घूम रही महबूबा के झांसे में अब कोई नहीं आने वाला। वह रियासत के लोगों को तबाही के कगार पर पहुंचाने की जिम्मेदारी व गुनाह से नहीं बच सकती। आज कश्मीरियों के मानवाधिकारों का मुद्दा उठा रही महबूबा से कोई पूछे कि वह उस समय कहां थी, जब कश्मीरियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा था। उनके ही शासनकाल में कश्मीरियों को मानव ढाल बनाया गया। उनके ही दौर में कश्मीरियों को पैलेट से अंधा बनाया गया। आज वह सिर्फ अपने गुनाहों से बचने के लिए लोगों की हमदर्द बनी घूम रही हैं।

उमर ने कहा कि पीडीपी और भाजपा के गठबंधन ने जिस तरह इस रियासत विशेषकर कश्मीर को तबाह किया है, उसके लिए महबूबा को अब हिसाब देना होगा। मैंने बतौर एमएलए बीरवाह के लोगों को बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए 50 करोड़ की परियोजना मंजूर कराई, लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।


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