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कश्मीर में अब एक ही पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, लोन के गुट वाली पीपुल्स कॉन्फ्रेंस बनी जम्मू कश्मीर पीपुल्स इंडिपेंडेट मूवमेंट

Peoples Conference. हुर्रियत में शामिल पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के गुट को अब जम्मू कश्मीर पीपुल्स इंडिपिेंडेट मूवमेंट के नाम से जाना जाएगा।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 01:54 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 01:59 PM (IST)
कश्मीर में अब एक ही पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, लोन के गुट वाली पीपुल्स कॉन्फ्रेंस बनी जम्मू कश्मीर पीपुल्स इंडिपेंडेट मूवमेंट
कश्मीर में अब एक ही पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, लोन के गुट वाली पीपुल्स कॉन्फ्रेंस बनी जम्मू कश्मीर पीपुल्स इंडिपेंडेट मूवमेंट

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर में बुधवार को एक महत्वपूर्ण सियासी घटनाक्रम के बीच पीपुल्स कॉन्फ्रेंस का अलगववादी स्वरूप और हुर्रियत में उसकी मौजूदगी समाप्त हो गई। हुर्रियत में शामिल पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के गुट को अब जम्मू कश्मीर पीपुल्स इंडिपिेंडेट मूवमेंट के नाम से जाना जाएगा। यह एलान हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाईज मौलवी उमर फारुक ने हुर्रियत मुख्यालय में किया।

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पीपुल्स कॉन्फ्रेंस वर्ष 2004 में दो गुटों में बंट गई थी। एक गुट जिसका नेतृत्व सज्जाद गनी लोन कर रहे थे, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस सज्जाद बन गई और दूसरा गुट जिसका नेतृत्व सज्जाद गनी लाेन के बड़े भाई बिलाल गनी लोन कर रहे थे, बिलाल गुट कहलाई। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के घटक दलों में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस एक अहम घटक है और बिलाल गनी लोन उसकी स्थायी कार्यकारी समिति के सदस्य हैं। सज्जाद गनी लोन ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से करीब 14 साल पहले ही किनारा कर लिया था। लेकिन वह वर्ष 2008 तक अलगाववादी सियासत में सक्रिय रहे और उसके बाद मुख्यधारा की सियासत में शामिल हो गए थे। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस का बिलाल गुट हुर्रियत के साथ ही रहा और हमेशा कश्मीर में आजादी व जनमत संग्रह की वकालत करता आया है।

सज्जाद गनी लोन और बिलाल गनी लोन में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पर अपना दावा जताने की जंग वर्ष 2014 में उस समय तेज हुई, जब सज्जाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने बड़े भाई जैसा बताते हुए संकेत दिया था कि वह भाजपा के साथ जाने वाले हैं। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के बैनर तले ही हिस्सा लिया और वह दो सीटों पर जीते। गत मंगलवार को भारतीय चुनाव आयोग ने सज्जाद गनी लोन की पार्टी को सेब का चुनाव निशान भी दे दिया।

बिलाल गनी लोन जो बीते कुछ दिनों से अपने समर्थकों संग लगातार विचार-विमर्श कर रहे थे, ने सुबह पहले अपने विश्वस्तों की एक बैठक राजबाग स्थित हुर्रियत कॉन्फ्रेंस मुख्यालय में बुलाई। इसमें उन्होंने संगठन का नाम बदले जाने के विषय पर चर्चा की। इसके बाद मीरवाईज मौलवी उमर फारुक की अध्यक्षता में हुर्रियत के सभी प्रमुख नेताओं की एक बैठक हुई और बिलाल गनी लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को जम्मू कश्मीर पीपुल्स इंडिपिेंडेंट मूवमेंटमेंट बदलने का औपचारिक फैसला हो गया।

मीरवाईज मौलवी उमर फारुक ने बिलाल गनी लोन व अन्य हुर्रियत नेताओं की मौजूदगी में पीपुल्स मूवमेंट में पीपुल्स  कॉन्फ्रेंस के बिलाल गुट को बदले जाने का एलान किया। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में बिलाल गनी लोन ने कहा कि कहा पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को लेकर यहां लोगों में बहुत से भ्रम पैदा हो रहे हैं। मैं नहीं चाहता मेरे पिता का मिशन किसी तरह से प्रभावित हो। इसलिए पीपुल्स कॉन्फ्रेंस का नाम बदलना मेरे लिए एक बड़ी मजबूरी बन चुका था, क्योंकि कई लोग अब पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को कश्मीरियों की जज्बात की तर्जुमानी करने वाली जमात न मानकर कश्मीर के खिलाफकाम करने वाली कहने लगे थे।

उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता और पिता अब्दुल गनी लोन के सभी वफादार साथियों को यकीन में लेने के बाद ही नाम बदला गया है। लेकिन हमारा एजेंडा, पार्टी के उसूल और संगठनात्मक ढांचा व संविधान वैसा ही रहेगा, जैसा मेरे वालिद स्व अब्दुल गनी लोन ने तैयार किया था। हम कश्मीर के हितों और कश्मीर के शहीदों के मिशन के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। 


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