लेथपोरा आतंकी हमले में ओजीडब्ल्यू की संपत्ति अटैच
एनआइए की कार्रवाई ---- हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान हुए थे शहीद जैश से मिली रकम से खरीदी थी जमीन व मकान ------
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एएनआइ) ने शनिवार को सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर लेथपोरा पर आतंकी हमले में आरोपित जैश-ए-मोहम्मद के ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) इरशाद अहमद रेशी के पिता नजीर अहमद रेशी की संपत्ति को अटैच कर दिया है। इरशाद एनआइए की हिरासत में है। हमला 31 दिसंबर 2017 को हुआ था। इसमें सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हुए थे। जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकी मारे गए थे। इनमें दो स्थानीय और एक पाकिस्तानी आतंकी था।
एनआइए के महानिदेशक द्वारा जारी आदेश के आधार पर श्रीनगर स्थित एनआइए के डीएसपी रवींद्र कुमार ने रत्नीपोरा (पुलवामा) में आरोपित इरशाद के पिता नजीर अहमद रेशी के मकान और उसके साथ सटी 17 मरला जमीन को अटैच कर दिया है। इस हमले की जांच डीएसपी रवींद्र ही कर रहे हैं। जांच में पता चला है कि नजीर अहमद रेशी ने यह संपत्ति अपने बेटे इरशाद अहमद को जैश से मिली रकम से जुटाई है। इरशाद इस पैसे का इस्तेमाल जैश के आतंकियों कीमदद के लिए भी करता था।
एनआइए के अनुसार इरशाद जैश के आतंकी नूरा त्राली का करीबी था। नूरा त्राली 26 दिसंबर 2017 को संबूरा पुलवामा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। उसकी मौत का बदला लेने के लिए जैश ने लेथपोरा में सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमले की साजिश को अंजाम दिया था। इस हमले की साजिश में नूरा के भाई निसार अहमद तांत्रे, इरशाद अहमद रेशी और फैयाज अहमद ने अहम भूमिका निभाई थी। यह तीनों गत वर्ष ही पकड़े गए थे। इस हमले के सिलसिले में एनआइए ने दो अगस्त 2019 को एनआइए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया था।
एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि इरशाद अहमद ने ही ग्रुप सेंटर पर हमले का खाका तैयार किया था। उसने हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को आश्रय, वाहन सहित अन्य सहायता प्रदान की। हमले से पहले सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर की उसने हमले से पहले रैकी भी की थी।