Jammu Kashmir: जानिए महबूबा क्यों नहीं लड़ना चाहती विधानसभा का चुनाव
महबूबा की पार्टी पीडीपी को डीडीसी चुनाव में मात्र 27 सीटों पर संतोष करना पड़ा और प्राप्त मत में वह एनसी भाजपा को छोड़ें कांग्रेस से भी काफी पीछे नजर आई। ऐसे में 370 के बहाने वह फिर से समर्थकों को लामबंद करने का प्रयास कर रही हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: जिला विकास परिषद चुनाव में भले ही पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) सीट और प्राप्त मत के आधार पर नेशनल कांफ्रेंस और भाजपा से काफी पीछे रह गई हों लेकिन पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने फिर से 370 का राग अलापना आरंभ कर दिया है। उनकी पार्टी को डीडीसी चुनाव में मात्र 27 सीटों पर संतोष करना पड़ा और प्राप्त मत में वह एनसी, भाजपा को छोड़ें कांग्रेस और अपनी पार्टी से भी काफी पीछे नजर आई। ऐसे में 370 के बहाने वह फिर से समर्थकों को लामबंद करने का प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने अब कहा है कि जब तक जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल नहीं हो जाता, तब तक वह किसी चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगी। ऐसा कर वह पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की नकल करने का प्रयास कर रही हैं। यहां बता दें कि इससे पूर्व उमर भी इन्हीं शर्त के साथ विधानसभा चुनाव न लड़ने के दावे कर चुके हैं। हालांकि फिलहाल विधानसभा चुनाव काफी दूर हैं और प्रदेश में विधानसभा सीटों के परिसीमन की गतिविधियां आरंभ हो चुकी हैं, ऐसे में अगले वर्ष के अंत से पूर्व विधानसभा चुनाव कराना संभव नहीं दिखता।
महबूबा ने जिला विकास परिषद चुनाव के नतीजे आने के बाद वीरवार को श्रीनगर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि फिर 370 का राग अलापा। उन्होंने कहा कि लोगों ने सबूत दे दिया है कि उन्होंने अनुच्छेद 370 को नहीं भुलाया है। इसे बहाल करने के लिए हम अंतिम सांस तक लड़ाई करेंगे। जम्मू कश्मीर के लोग भी यही चाहते हैं। उनकी नजर उन वोटरों पर हैं जो डीडीसी चुनाव में पूरी तरह से किनारे दिखा और अभी भी कट्टरपंथी सोच पाले है।
आने वाले चुनावों में भी पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन के गठजोड़ को बरकरार रखने के सवाल पर महबूबा ने कहा कि जब विधानसभा चुनाव का समय आएगा तब यह देखा जाएगा। अभी इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। अलबत्ता, उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं कर दिया जाता, तब तक वह विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगी। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए अगर उन्हेंं अंतरराष्ट्रीय अदालत में भी जाना पड़ा तो वह जाएंगी। चुनाव के नतीजे आने के बाद महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने उनके पीछे सीबीआइ, एनआइए और ईडी को लगा रखा है। उन्होंने कहा कि भाजपा व केंद्र सरकार मेरे खिलाफ एजेंसियों का इस्तेमाल करने के बजाय राजनीतिक रूप से मुकाबला करे।
एक चुनावी विश्लेषक ने बताया कि महबूबा जानती हैं कि अब केंद्र सरकार शीघ्र विधानसभा चुनाव की तैयारी कर सकती है। बंगाल चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर में भी चुनावी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाना है। ऐसे में वह अभी से अपने समर्थकों को लुभाने के लिए सुर्खियां बटोरने का प्रयास कर रही हैं।