डॉ. निर्मल ¨सह चुने गए स्पीकर
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल ¨सह वीरव
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल ¨सह वीरवार को ध्वनिमत से राज्य विधानसभा के स्पीकर चुने गए। उनके निर्वाचन का एलान होते ही विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्ष ने डॉ. ¨सह के मुकाबले कांग्रेस के विधायक उस्मान मजीद को अपना उम्मीदवार बनाया था। स्पीकर के चुनाव के दौरान सदन की कार्रवाई भी लगभग एक घंटे तक स्थगित रही। बीते 50 सालों में यह पहला मौका है जब विधानसभा स्पीकर का चुनाव सर्वसम्मति के बजाय ध्वनिमत से हुआ हो।
राज्य विधानसभा के स्पीकर का पद गत अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में खाली हुआ था, जब मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने मंत्रीमंडल में फेरबदल करते हुए तत्कालीन स्पीकर कविंद्र गुप्ता को मंत्री बनाया था। कविंद्र गुप्ता को डॉ. निर्मल ¨सह के स्थान पर ही उपमुख्यमंत्री बनाया गया है, जबकि डॉ. निर्मल ¨सह ने आज कविंद्र गुप्ता के स्थान पर स्पीकर का कार्यभार संभाला है।
स्पीकर के चुनाव के लिए वीरवार को राज्य विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था, जो दोपहर दो बजे शुरू हुआ। डिप्टी स्पीकर नजीर अहमद गुरेजी ने सदन की कार्यवाही शुरू की तो नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता मोहम्मद शफी उड़ी ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि यह चुनाव नहीं हो सकता। सदस्यों को समय रहते सूचित नहीं किया गया। इसके अलावा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से लेकर नामांकन की प्रक्रिया के बीच जो नियमानुसार अंतर होना चाहिए, उसकी औपचारिकता भी पूरी नहीं की गई है। विपक्ष को भी विश्वास में नहीं लिया गया है।
सदन की कार्यवाही का संचालन कर रहे डिप्टी स्पीकर ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि सभी को सूचित किया गया है। इस पर नेकां नेता ने विपक्ष द्वारा संयुक्त रूप से स्पीकर पद के लिए उतारे गए अपने उम्मीदवार उस्मान मजीद का जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव को कुछ दिन स्थगित किया जा सकता है।
इस पर डिप्टी स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को आधा घंटा स्थगित करने का एलान किया, लेकिन सदन की कार्यवाही लगभग सवा घंटे बाद दोबारा शुरू हुई तो डिप्टी स्पीकर ने उनकी बात को काटते हुए कहा कि मैंने प्रयास किया था कि चुनाव न हो, सर्वसम्मति से स्पीकर का चयन हो, लेकिन बात नहीं बनी। इस पर शफी उड़ी ने कहा कि रियासत में जब भी स्पीकर का चुनाव हुआ है तो नामांकन से लेकर चुनाव तक पांच दिनों का अंतर रहा है। इस प्रक्रिया का पालन होना चाहिए। इस पर नजीर अहमद गुरेजी ने कहा कि यह नियम नहीं बल्कि प्रक्रिया और परंपरा है। नियमों के मुताबिक जरूरी नहीं कि पांच दिन का अंतर हो। इसी दौरान नेकां महासचिव अली मोहम्मद सागर भी अपनी सीट पर खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि यह सरकार कोई बात सुनने को तैयार नहीं है।
डिप्टी स्पीकर ने जब विपक्ष को सर्वसम्मति के लिए राजी होते नहीं देखा तो उन्होंने स्पीकर पद के लिए प्रस्ताव लाने को कहा। कानून मंत्री सईद बशारत बुखारी ने डॉ. निर्मल ¨सह को स्पीकर बनाने का प्रस्ताव सदन में रखा। उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इसके बाद नेशनल कांफ्रेंस के विधायक अब्दुल मजीद लारमी ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार उस्मान मजीद के नाम का प्रस्ताव रखा और कांग्रेस के विधायक मोहम्मद अमीन ने इसका अनुमोदन किया।
इस पर डिप्टी स्पीकर ने दोनों प्रस्ताव पढ़ते हुए सदन के पटल पर रखे और बारी-बारी दोनों के लिए सदन की मंजूरी ली और इस प्रक्रिया में डॉ. निर्मल ¨सह ध्वनिमत से निर्वाचित हो गए, लेकिन उनके निर्वाचन पर विपक्ष ने एतराज जताते हुए कहा कि यह तो तय था, लेकिन सत्ताधारी वर्ग ने लोकतंत्र को ठेस पहुंचाई है और सदन से वाकआउट कर दिया।