पुलवामा हमले में शामिल जैश आतंकी के घर और दुकान को NIA ने फिर खंगाला
पिता और चचेरे भाई को हिरासत में लिया कई दस्तावेज व अन्य सामान भी जब्त किए गए। पुलवामा हमले में आत्मघाती हमले की साजिश में शाकिर की अहम भूमिका।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने पुलवामा हमले की साजिश में शामिल शाकिर अहमद के मकान और दुकान की शनिवार को फिर से तलाशी ली। दुकान और मकान के तीन कमरों को सील कर दिया गया है। उसके पिता और एक अन्य रिश्तेदार को कथित तौर पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा एनआइए ने चार और जगहों पर भी तलाशी ली है।
14 फरवरी 2019 को श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर लिथपोरा (पुलवामा) में सीआरपीएफ के काफिले पर जैश के आत्मघाती हमले की साजिश में शाकिर की भी अहम भूमिका है। हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। वहीं, हमलावर आतंकी आदिल डार भी मौके पर ही मारा गया था। साजिश में लिप्त सभी प्रमुख आतंकी और ओवरग्राउंड वर्कर मारे जा चुके हैं। सिर्फ शाकिर ही अभी तक ¨जदा पकड़ा गया है।
एनआइए टीम ने शुक्रवार को शाकिर को गिरफ्तार करने के बाद अदालत से उसको 15 दिन की रिमांड पर लिया था। इसके साथ उससे मिले सुरागों के आधार पर एनआइए टीम ने पुलवामा में हाजीबल, करीमाबाद, काकपोरा और लिथपोरा के अलावा त्राल में कई जगह छापे डाले। सुबह भी एनआइए टीम ने दोबारा घर की तलाशी ली और उसके पिता और उसके एक चचेरे भाई को तथाकथित तौर पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। पुलिस या किसी अन्य एजेंसी ने इस तथ्य की अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की है।
मां और दोस्तों से पूछताछ
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि एनआइए की टीम ने बकरीपोरा में भी एक मकान की तलाशी ली है। एनआइए अधिकारियों ने शाकिर के मकान की तलाशी लेते हुए वहां से कई दस्तावेज व अन्य सामान जब्त किया है। मकान में तीन कमरों को भी सील किया है। उसके परिजनों को निर्देश दिया है कि वह इन कमरों को बिना अनुमति न खोलें। उसकी मां से भी एनआइए अधिकारियों ने शाकिर के दोस्तों के बारे में पूछा है।
गाजी के फोन से मिले सुराग
पुलवामा हमले की जांच में शामिल सूत्रों ने बताया कि शाकिर की गिरफ्तारी से पहले एनआइए ने सभी आवश्यक सुबूत जमा किए। उन्होंने बताया कि पुलवामा हमले की साजिश में शामिल रहे गाजी कामरान उर्फ गाजी रशीद के मारे जाने के बाद उसका मोबाइल फोन मिला था। यह मोबाइल फोन हालांकि क्षतिग्रस्त हो चुका था फिर भी अत्याधुनिक तकनीक के सहारे इसका डाटा दोबारा हासिल किया। कुछ मोबाइल नंबर मिले। इन नंबरों की जांच की तो पता चला कि एक नंबर जैश के पाकिस्तानी कमांडर उमर द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था। इस नंबर की छानबीन हुई तो कुछ लोग संदेह के घेरे में आए। इनमें शाकिर भी था। कामरान के फोन से उमर का कनेक्शन जुड़ा और उमर से शाकिर का कनेक्शन मिला। फोन की जांच के दौरान उसमें आरडीएक्स के इस्तेमाल से आइईडी तैयार करने का एक वीडियो भी प्राप्त हुआ है।