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नेकां को कश्मीर में नजर नहीं आते सामान्य हालात

श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के दो सांसदों ने अनुच्छेद 370 को हटाना केंद्र सरकार की बड़ी गलती बताया है। कहा कि इसके विरोध में कश्मीर ही नहीं लद्दाख और जम्मू में भी आवाज उठने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 09:16 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 06:37 AM (IST)
नेकां को कश्मीर में नजर  नहीं आते सामान्य हालात
नेकां को कश्मीर में नजर नहीं आते सामान्य हालात

पार्टी के दो सांसदों ने अनुच्छेद 370 को हटाया जाना बड़ी गलती बताया

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लोगों को भड़काने के केंद्र सरकार द्वारा लगाए आरोपों को किया खारिज

कहा- हम तो सिर्फ राजनीति कर रहे, पार्टी का एजेंडा पूरी तरह स्पष्ट

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: राज्य के प्रमुख और सबसे पुराने राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेंस ने सोमवार को केंद्र सरकार को दबी जुबान में चेतावनी देते हुए कहा कि हालात कहीं भी सामान्य नहीं हैं। मौजूदा खामोशी तूफान से पहले की खामोशी है। एक बार यहां पाबंदियां हटाई जाएं और जेलों में बंद लोगों को रिहा किया जाए, सब पता चल जाएगा। सिर्फ कश्मीर में ही नहीं, अब तो जम्मू और लद्दाख मेंभी केंद्र के फैसले के खिलाफ आवाज उठने लगी है।

श्रीनगर में सोमवार को पार्टी मुख्यालय में वरिष्ठ नेता एवं सांसद मोहम्मद अकबर लोन और सांसद हसनैन मसूदी ने पत्रकारों के साथ संक्षिप्त बातचीत में कहा कि दिल्ली को अभी अपनी गलती का अहसास नहीं होगा। जल्द ही वह वक्त आएगा जब वह अपने फैसले पर पछताएगी। बारामुला से सांसद लोन ने कहा कि दिल्ली ने जिस तरह से अनुच्छेद 370 के दो प्रावधानों को समाप्त किया है, वह पूरी तरह गलत है। इस समय पूरे कश्मीर को एक बड़ी जेल बनाकर रखा गया है। लोगों को घरों में कैद किया गया है। जरा यह पाबंदियां हटने दें, सड़कों पर लोग दिल्ली के फैसले के खिलाफ नजर आएंगे।

क्षेत्रीय दलों पर कश्मीर में हालात बिगाड़ने व लोगों को भड़काने संबंधी केंद्र सरकार के आरोपों से इनकार करते हुए अकबर लोन ने कहा कि हम किसी को क्यों भड़काएंगे। लोगों को भड़काने वाली कौन सी बात है। हम तो अपनी राजनीति कर रहे हैं, हमारा अपना राजनीतिक एजेंडा पूरी तरह स्पष्ट है। हम कभी भारत के खिलाफ नहीं बोलते। हम सिर्फ संविधान के मुताबिक ही अपनी सियासत करते हैं। अब दिल्ली और केंद्र सरकार को अगर लगता है कि हम उनके खिलाफ काम कर रहे हैं तो हम कुछ नहीं कर सकते।

वादी के मौजूदा हालात पर उन्होंने कहा कि अभी यहां पाबंदियों और गिरफ्तारियों का दौर जारी है। सरकार बेशक दावा करे कि उसने आम लोगों के जान माल की सुरक्षा के लिए पाबंदियां लगाई हैं, लेकिन असलियत सभी जानते हैं। यहां सभी को कैद किया गया है। दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार किया गया है, एक पूर्व मुख्यमंत्री को उसके घर में नजरबंद रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यही फैसला उनके लिए भारी पड़ेगा। अगर मोदी को कुर्सी छोड़नी पड़ेगी तो इसी फैसले के कारण। संसद सदस्यता छोड़ने का सवाल टाल गए

अगली रणनीति के बारे में हसनैन मसूदी ने कहा कि इस समय हमारा शीर्ष नेतृत्व ही नहीं, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और अन्य सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को बंद रखा गया है। जब तक यह लोग बाहर नहीं आएंगे, कोई राजनीतिक दल कैसे अपनी अगली रणनीति तय कर सकेगा, लेकिन जिस तरह से लद्दाख में लोग अपने लिए ट्राइबल स्टेटस और संबंधित कानूनों को पूरी तरह संरक्षित बनाने की बात कर रह हैं उसी तरह जम्मू में डोमिसाइल की मांग की जा रही है। संसद की सदस्यता छोड़ने के सवाल पर मसूदी और लोन ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। कहा कि यह फैसला पार्टी शीर्ष नेतृत्व के निर्देशानुसार ही लिया जाएगा।


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