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यौम-ए-आशूरा श्रद्धापूर्वक मनाया गया

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों की तरह शुक्रवार को वादी में भी यौम-ए-आशूरा

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 12:20 AM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 12:20 AM (IST)
यौम-ए-आशूरा श्रद्धापूर्वक मनाया गया
यौम-ए-आशूरा श्रद्धापूर्वक मनाया गया

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों की तरह शुक्रवार को वादी में भी यौम-ए-आशूरा पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया। श्रीनगर और बडगाम समेत विभिन्न इलाकों में शिया समुदाय के लोगों ने रंग-बिरंगे ताजिये और अलम लेकर जुलूस निकाले। चारों तरफ इमाम हुसैन की याद में मातम की आवाजें गूंज रही थीं। हर अजादार मातम-ए-हुसैनी का सोगवार था।

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हालांकि प्रशासन ने श्रीनगर के कई इलाकों में 10 मुहर्रम यौम ए आशूरा के मौके पर कानून व्यवस्था बनाए रखने और सांप्रदायिक ¨हसा को टालने के लिए विभिन्न इलाकों में प्रशासनिक पाबंदियां लागू की थी, लेकिन शिया बहुल इलाकों में मातमी जुलूस पर कोई पाबंदी नहीं थी। डाउन-टाउन में स्थित गुलशन बाग बोटाकदल से यौम ए आशूरा का जुलूस शुरू हुआ जो विभिन्न इलाकों से होते हुए देर रात गए जडीबल इमामबाड़ा पहुंचा।

शिया मातमियों का जुलूस जिस भी इलाके से गुजरा, वहीं बड़ी संख्या में लोग उसका हिस्सा बने। जुलूस के रास्ते में विभिन्न जगहों पर कई लोगों ने खाने-पीने के स्टाल भी लगा रखे थे। स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य शिविर भी बना रखे थे।

इसी दौरान बडगाम में अंजुमन ए शरियां ए शिया के अध्यक्ष आगा सईद हसन बडगामी के नेतृत्व में यौम ए आशूरा का जुलूस निकला। उत्तरी कश्मीर के पट्टन, देलिना, दक्षिण कश्मीर के वुल्लरहामा पहलगाम, सोफीपोरा, हलखा, छत्तरगुंड और पनीर त्राल में भी शिया श्रद्धालुओं ने इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद करते हुए करबला के शहीदों का मातम बनाते हुए जुलूस निकाले।


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