नमाज पर पाबंदी से कश्मीर मसला हल नहीं होगा : मीरवाइज
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने शुक्रवार को कश्मीर में मुस्लिमों के मजहबी अधिकारों के हनन के लिए राज्य व केंद्र सरकार को कोसा। उन्होंने कहा कि कश्मीर मसला हल होने तक जामिया मस्जिद समेत विभिन्न मस्जिदों और मंचों से आवाज उठाई जाती रहेगी। मस्जिदों में शुक्रवार को नमाज पर पाबंदी लगाने से कश्मीर मसला हल नहीं होगा।
फरवरी में दो शुक्रवार को वादी में अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित बंद और राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों के चलते डाउन-टाउन में निषेधाज्ञा का प्रशासन ने सहारा लिया था। इसलिए जामिया मस्जिद में नमाज-ए- जुम्मा नहीं हो पाई थी। मीरवाइज भी अपने घर में नजरबंद रहे थे। जनवरी में अंतिम शुक्रवार को भी जामिया मस्जिद में नमाज नहीं हुई थी।
लगातार तीन शुक्रवार के बाद आज पहली बार जामिया मस्जिद में नमाज-ए-जुम्मा हुई। मीरवाइज ने नमाज से पूर्व नमाजियों को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीरियों को अपने हक की आवाज उठाने से रोकने के लिए ही नमाज पर पाबंदी लगाई जाती है। मस्जिदों को बंद किया जाता है। मस्जिदों और नमाज पर पाबंदी हमारे मजहबी मामलों पर पाबंदी के समान है। इसे कश्मीरी मुस्लिम कतई सहन नहीं करेगा।
मीरवाइज ने कहा कि अगर केंद्र व राज्य सरकार यह सोचती है कि मस्जिदों और नमाज पर पाबंदी लगाने से कश्मीर मसला हल हो जाएगा तो वह गलत सोचती है। कश्मीरी अपना हक-ए-आजादी और हक-ए-खुद इरादियत हासिल किए बिना न तो चैन से बैठेंगे और न मजहबी मामलों में दलखअंदाजी बर्दाश्त करेंगे।
हुर्रियत चेयरमैन ने लोगों से शनिवार को ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप की ओर से आयोजित किए जा रहे बंद को कामयाब बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि हिंदोस्तान की विभिन्न जेलों में बंद कश्मीरी कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। कश्मीरी छात्रों से हिंदोस्तान के विभिन्न शहरों में मारपीट हो रही है।