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आतंकियो की नई पौध तैयार कर रहा था महराजुदीन, लश्कर को बड़ा झटका

आतंकी बने महराजुदीन को बुधवार को सुरक्षाबलों ने नौ माह पुराने आतंकी फहद मुश्ताक उर्फ अबु ओसामा सहित फतेह कदल डाऊन-टाऊन में मार गिराया।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 05:52 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 05:52 PM (IST)
आतंकियो की नई पौध तैयार कर रहा था महराजुदीन, लश्कर को बड़ा झटका
आतंकियो की नई पौध तैयार कर रहा था महराजुदीन, लश्कर को बड़ा झटका

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और उसके साथ सटे इलाकों में आतंकियों की नयी पौध तैयार कर रहे 10 लाख के ईनामी लश्कर कमांडर महराजुदीन बांगरु उर्फ पिया उर्फ आसिफ उर्फ गुरु के मरने से लश्कर को बड़ा झटका लगा है। मुख्यधारा से फिर से आतंकी बने महराजुदीन को बुधवार को सुरक्षाबलों ने नौ माह पुराने आतंकी फहद मुश्ताक उर्फ अबु ओसामा सहित फतेह कदल डाऊन-टाऊन में मार गिराया। फहद मुश्ताक इसी साल 20 मार्च को आतंकी बना था। मुठभेड़ में आतंकियों का शरणदाता भी मारा गया। राज्य पुलिस का एक जवान कमल किशोर जहां मुठभेड़ में शहीद हो गया वहीं अन्य तीन सुरक्षाकर्मी जख्मी हुए हैं।

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आतंकियों की मौत के बाद पैदा हुए तनाव को देखते हुए प्रशासन ने श्रीनगर के सभी संवेदनशील इलाकों में एहतियातन निषेधाज्ञा लागू करते हुए सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया। डाऊन-टाऊन से लेकर दक्षिण कश्मीर के पुलवामा व कुलगाम में आतंकियों की मौत के बाद भड़की हिंसा पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को बल प्रयोग भी करना पड़ा। अलगाववादी संगठनों के सांझा मंच ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप जेआरएल ने दो आतंकियों व उनके शरणदाता की मौत पर दुख जताते हुए वीरवार को कश्मीर बंद का आह्वान किया।

आईजीपी कश्मीर स्वयं प्रकाश पानि ने फतेह कदल मुठभेड़ की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंगलवार देर रात हमें पता चला कि लश्कर कमांडर मेहराजुदीन बांगरु अपने कुछ साथियों के साथ शहर में अपने घर के आस-पास कहीं छिपा है। इस सूचना पर हमने काम किया और जल्द ही पता चल गया कि वह सईद अली अकबर इलाके में एक मकान छिपा है। आतंकियों को पकड़ने के लिए राज्य पुलिस विशेष अभियान दल एसओजी ने सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर इलाके की घेराबंदी कर ली। तड़के तलाशी अभियान शुरु हुआ। जवानों ने जैसे ही आतंकी ठिकाना बने मकान में दाखिल होना चाहा, अंदर से गोलियां चलने लगी। जवानों ने तुरंत अपनी पोजीशन ली और जवाबी फायर किया।

मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने कई बार आतंकियों को आत्मसमर्पण करने की चेतावनी भी दी। इस बीच आतंकी ठिकाना बने मकान में फंसे लोगों और साथ सटे अन्य मकानों से भी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। आतंकियों ने आत्मसमर्पण की चेतावनी अनसुनी करते हुए गोलियों की बौछार जारी रखी। करीब पांच घंटे तक मुठभेड़ चली। इसमें दो आतंकी और उनके शरणदाता की मौत हो गई। राज्य पुलिस का एक जवान कमल किशोर शहीद हुआ हो गया। उसके साथ सीआरपीएफ के दो व राज्य पुलिस एक जवान जख्मी है। मुठभेड़ के दौरान लगी आग में आतंकी ठिकाना बना मकान भी तबाह हुआ है।

आईजीपी ने बताया कि मारे गए आतंकियों में फतेहकदल का रहने वाले महराजुदीन बांगरु और खनयार का रहने वाला फहद मुश्ताक वाजा के अलावा मकान मालिक का पुत्र रईस हबीबुल्ला शामिल है। रईस हबीबुल्ला आतंकियों का पुराना ओवरग्राऊंड वर्कर और सक्रिय साथी था। उस पर पुलिस की कई दिनों से नजर थी। उसकी गतिविधियों का पूरा ब्यौरा जमा किया जा रहा था। मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारुद के अलावा कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं।

 आतंकियों की मौत से श्रीनगर में तनाव

आतंकियों की मौत की खबर फैलते ही पूरे श्रीनगर में तनाव फैल गया। सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हो गए। बाबाडेंब, फतेहकदल, खनयार सहित डाऊन-टाऊन के विभिन्न इलाकों में आतंकी समर्थकों ने सुरक्षाबलों पर पथराव भी शुरु कर दिया। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और कुलगाम में भी शरारती तत्वों ने आतंकियों के हक में नारेबाजी करते हुए सरक्षाबलों पर पथराव किया। हिंसक तत्वों पर काबू पाने के लिए सु़रक्षाबलों को भी बल प्रयोग करना पड़ा। इसमें पांच लोगों के जख्मी होने की सूचना है। हालात को भांपते हुए प्रशासन ने श्रीनगर के विभिन्न इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए विभिन्न इलाकों में निषेधाज्ञा भी घोषित कर दी। मोबाईल इंटरनेट सेवाओं की गति को भी सीमित कर दिया गया।

श्रीनगर में आतंकियों की नयी पौध तैयार की थी बांगरु ने

अपने घर से कुछ ही दूरी पर आज सुबह मारे गए महराजुदीन बांगरु उर्फ पीर उर्फ पिया उर्फ गुरु उर्फ आसिफ की मौत सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। बीते चार सालों के दौरान उसने जिस तरह से कश्मीर में आतंकियों की नयी पौध तैयार की, उससे सभी सुरक्षा एजेंसियां आज तक हैरान हैं। 35 वर्षीय महराजुदीन बांगरु कभी हिजबुल मुजाहिदीन के नामी आतंकियों में था। सुरक्षाबलों द्वारा गिरफतार किए जाने के बाद वह काफी देर जेल में बंद रहा। जेल से रिहा होने के कुछ सालों तक उसने आतंकवाद से कोई नाता नहीं रखा। लेकिन वह कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाली हुर्रियत कांफ्रेंस से जुड़ गया। कुछ समय बाद उसने फिर श्रीनगर में आतकी गतिविधियों में बतौर ओवर ग्राऊंड वर्कर हिस्सा लेना शुरु किया। उसने तहरीक-उल-मुजाहिदीन का नेटवर्क बनाना शुरु किया। डाऊन-टाऊन के नौहाटा व उसके साथ सटे इलाकों में उसने स्थानीय युवकों का एक दल भी तैयार किया जो आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित थे। इनमें सज्जाद गिलकार भी था। वर्ष 2016 की शुरुआत में महराजुदीन बांगरु श्रीनगर से गायब हो गया। वह तहरीक-उल-मुजाहिदीन का एक सक्रिय कमांडर बन गया। श्रीनगर व उसके साथ सटे इलाकों में नए लड़कों की भर्ती शुरु करते हुए उसने दक्षिण व सेंट्रल कश्मीर में सक्रिय पुराने आतंकियों के साथ समन्वय बनाया। वह हिज्ब और लश्कर के आतंकियों के बीच भी एक कोआर्डिनेटर की भूमिका निभाने लगा। उसने ही दाऊद सलाफी, इसा फाजली, मुगीस, फैजान सहित कई युवकों को आतंकी संगठनों में शामिल कराया। इनमें से कई लड़कों ने आईएसआईएस और जाकिर मूसा का गुट भी चुना। तहरीक-उल-मुजाहिदीन के चीफ कमांडर जमील उल रहमान के साथ मतभेदों के चलते वह इसी साल की शुरुआत में लश्कर में शामिल हो गया था।

10 लाख का ईनामी आतंकी थी महराजुदीन

12वीं पास महराजुदीन को सुरक्षा एजेंसियों ने डबल ए-श्रेणी का आतंकी घोषित करते हुए उस पर 10 लाख का ईनाम रखा था। दो वर्ष पहले जडीबल इलाके में दो पुलिसकर्मियों की हत्या, टेंगपोरा में एक पुलिसकर्मी की हत्या सहित श्रीनगर में हुई करीब एक दर्जन आतंकी वारदातों मेें भी वह शामिल रहा है। जून 2016 में अनंतनाग के थाजीबल इलाके में अच्छाबल के थाना प्रभारी फिरोज समेत छह पुलिसकर्मियों की हत्या की साजिश में भी उनका हाथ रहा। वर्ष 2017 में श्रीनगर-अनंतनाग राष्ट्रीय राजमार्ग पर श्री अमरनाथ श्रद्धालुओं पर हुए हमले में भी उसका नाम आया था।

दसवीं में फेल होने के बाद जिहादी बना था फहद

फहद मुश्ताक वाजा इसी साल मार्च माह के अंतिम सप्ताह में सुर्खियों में आया। एसाल्ट राइफल के साथ जब उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो उसके नाम के चर्चे शुरू हो गए। खनयार का रहने वाला फहद अपने इलाके में एक धार्मिक प्रवृत्ति का किशोर माना जाता था। उसके परिजनों के मुताबिक वह लगभग एक साल पहले दसवीं की बोर्ड परीक्षा में फेल हो गया था। उसके बाद उसका मन पढ़ाई में नहीं लगा। उसने पढ़ाई छोड़ने के बाद अपने खानदानी पेशे वाजा (कश्मीर में शादी विवाह में खाना पकाने वाले रसोइए को वाजा कहा जाता है।) को अपना लिया। उसके पिता मुश्ताक वाजा बीमार थे। वह अपने चाचा के साथ ही काम करता था। गत वर्ष वह जमाय--इस्लामी के प्रभाव में आया। फिर उसका अधिकांश वक्त मस्जिद में ही बीतने लगा। इस साल मार्च में जब आखिरी बार घर से गया तो यही कह कर गया था कि तबलीग जमात के साथ जा रहा हूं। तीन दिन में लौट आऊंगा। लेकिन वह नहीं आया। उसके बाद सोशल मीडिया पर उसकी आतंकी बनी तस्वीर वायरल हुई। उसे हथियार छोड़ मुख्यधारा में लौटने के लिए मनाने के इरादे से उसके परिजनों ने श्रीनगर में प्रताप पार्क के साथ सटे प्रैस एन्कलेव में कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया। पुलिस के मुताबिक आतंकी बनने के बाद फहद वाजा ने खनयार इलाके में दो आतंकी वारदातों को अंजाम देने के अलावा बटमालू व दक्षिण कश्मीर में सुरक्षाबलों पर हुए हमले में हिस्सा लिया था।

शहीद को भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित

आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए राज्य पुलिस के जवान कमल किशोर को जिला पुलिस लाईन्स में आयोजित एक भावपूर्ण समारोह में अंतिम विदाई दी गई। राज्य पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह, आईजीपी कश्मीर एसपी पानि सहित राज्य पुलिस के आलाधिकारियों, जवानों, सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों और जवानों सहित नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र और फूलमालाएं भेंट कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ जिला रियासी में उसके परिजनों के पास भेजा गया।


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