कश्मीर को खुली जेल में बदलने के बाद अब यहां की अर्थ व्यवस्था को बर्बाद कर रही केंद्र सरकार : महबूबा
Mehbooba Mufti पीडीपी अध्यक्ष शोपियां में सेब व्यापारियों की सुध लेने के लिए पहुंची थी। उनके वहां पहुंचते ही सेब व्यापारियों ने उनके सामने अपनी परेशानियों का पिटारा खोल दिया। उन्होंने कहा कि सेब से लदे ट्रकों को कई-कई दिनों तक हाईवे पर रोका जा रहा है।
श्रीनगर, जेएनएन : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दक्षिण कश्मीर के अगलर शोपियां में सेब व्यापारियों के समर्थन में रैली को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पहले आपने कश्मीर को एक खुली जेल में बदल दिया और अब हमारी आर्थिक दशा को बर्बाद किया जा रहा है। अगर हाइवे पर ट्रकों की अावाजाही को बिना रोकटोक सुनिश्चित नहीं बनाया गया तो मैं अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ जाउंगी। हाईवे को ब्लाक करूंगी।
पीडीपी अध्यक्ष शोपियां में सेब व्यापारियों की सुध लेने के लिए पहुंची थी। उनके वहां पहुंचते ही सेब व्यापारियों ने उनके सामने अपनी परेशानियों का पिटारा खोल दिया। उन्होंने कहा कि सेब से लदे ट्रकों को कई-कई दिनों तक हाईवे पर रोका जा रहा है। फ्रूट मंडी में पड़ा उनका सेब खराब हो रहा है। किसान ही नहीं व्यापारी भी परेशान है। इसका सीधा-सीधा असर उनकी आर्थिक व्यवस्था पर पड़ रहा है। अब तक व्यापारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है। अगर अभी भी सेब के ट्रकों की आवाजाही को सुनिश्चित नहीं बनाया गया तो नुकसान का यह आंकड़ा बढ़ता जाएगा।
सेब व्यापारियों ने महबूबा मुफ्ती से अपील की कि वह उनकी इस परेशानियों को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के समक्ष रखें। एक बार अगर वे ट्रकों की बेरोक-टाेक आवाजाही को सुनिश्चित कर देंगे तो उनकी परेशानियां कम हो जाएंगी। इस पर महबूबा ने राज्य व केंद्र सरकार की नीतियों को कोसना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। राज्य प्रशासन हो या फिर केंद्र सरकार कश्मीर में सबकुछ ठीक होने का दावा करती है परंतु सच तो यह है कि यहां सब कुछ सही नहीं है।
महबूबा ने चेतावनी दी कि यदि सेब से लदे ट्रकों को दूसरे राज्यों में भेजने की बेहतर व्यवस्था नहीं की गई तो वह स्वयं अपने पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर धरने पर बैठ जाएंगी। उन्होंने राज्य प्रशासन व केंद्र सरकार से कहा कि वह यहां के लोगों की परेशानियों को समझें और उनके हल के लिए प्रभावी कदम उठाएं। अन्यथा उन्हें आंदोलन का मार्ग अपनाने को मजबूर होना पड़ेगा।