महबूबा ने कहा, कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं
महात्मा गांधी ने जिस धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की परिकल्पना की थी उसे अब एक वर्ग विशेष के लिए सत्तावादी तंत्र में बदला जा रहा है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अपनी सियासी जमीन बचाने के लिए पूरी तरह सांप्रदायिक कार्ड खेलने पर उतर आयी हैं। अपनी इसी रणनीति के तहत उन्होंने कहा कि कश्मीरी मुस्लिमों को जानबूझकर कश्मीरी पंडितों के सामूहिक पलायन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
महबूबा मुफ्ती ने यह टिप्पणी अपने ट्वीटर हैंडल पर की है। गत पांच अगस्त से एहतियातन हिरासत में बंद महबूबा मुफ्ती का ट्वीटर हैंडल उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती द्वारा संचालित किया जा रहा है। इल्तिजा मुफ्ती ने अपनी मां की तरफ से उनके ट्वीटर हैंडल पर लिखा है कि वर्ष 1990 में कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के सामूहिक पलायन के लिए कश्मीरी मुस्लिमों को जिम्मेदार ठहराना, कश्मीरी मुस्लिमों के साथ अन्याय है।
कश्मीरी पंडितों का दर्द और तकलीफ अब दक्षिणपंथी चरमपंथियों के लिए एक हथियार बन चुकी है। महात्मा गांधी ने जिस धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की परिकल्पना की थी, उसे अब एक वर्ग विशेष के लिए सत्तावादी तंत्र में बदला जा रहा है।
यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित किए जाने के बाद कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का सेल्फ रूल का सियासी नारा पूर तरह आप्रसंगिक हो चुका है। ऐसे में महबूबा मुफ्ती मुस्लिम बहुसंख्यक कश्मीर में मुस्लिम भावनाओं के आधार पर अपनी सियासी जमीन को फिर से हासिल करने के लिए पूरी तरह हताश हैं।