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'यासीन मलिक के मामले की समीक्षा होनी चाहिए..,' अलगाववादी नेता को मौत की सजा की मांग पर बोलीं महबूबा मुफ्ती

महबूबा मुफ्ती ने कहा भारत जैसे लोकतंत्र में जहां पीएम के हत्यारों को भी माफ कर दिया जाता है वहां यासीन मलिक जैसे राजनीतिक कैदी के मामले की समीक्षा की जानी चाहिए और उस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

By Rajat MouryaEdited By: Rajat MouryaPublished: Sat, 27 May 2023 04:17 PM (IST)Updated: Sat, 27 May 2023 04:17 PM (IST)
'यासीन मलिक के मामले की समीक्षा होनी चाहिए..,' अलगाववादी नेता को मौत की सजा की मांग पर बोलीं महबूबा मुफ्ती
अलगाववादी नेता को मौत की सजा की मांग पर बोलीं महबूबा मुफ्ती

श्रीनगर, पीटीआई। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) प्रमुख यासीन मलिक के मामले की समीक्षा की जानी चाहिए और उस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि भारत जैसे लोकतंत्र में प्रधानमंत्री के हत्यारों को भी माफ कर दिया जाता है।

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उनकी यह टिप्पणी एनआईए द्वारा अलगाववादी नेता को मौत की सजा दिए जाने की याचिका के एक दिन बाद आई है। महबूबा ने अल्ताफ बुखारी पर भी निशाना साधा और कहा कि मलिक की फांसी का समर्थन करने वाले लोग हमारे सामूहिक अधिकारों के लिए गंभीर खतरा हैं।

बता दें कि अपनी पार्टी के अध्यक्ष बुखारी ने कहा था कि देश की सुरक्षा को खतरे में डालने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। वहीं महबूबा ने कहा, "भारत जैसे लोकतंत्र में जहां पीएम के हत्यारों को भी माफ कर दिया जाता है, वहां यासीन मलिक जैसे राजनीतिक कैदी के मामले की समीक्षा की जानी चाहिए और उस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।"

NIA ने दिल्ली हाई कोर्ट में क्या कहा

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कश्मीरी अलगाववादी नेता के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और कहा कि इस तरह के खूंखार आतंकवादी को मृत्युदंड नहीं देने का परिणाम न्याय का गर्भपात होगा। एनआईए की याचिका को जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की पीठ के समक्ष 29 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

बुखारी ने ट्विटर पर लिखा, "यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग करने वाली एनआईए की याचिका जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी फंडिंग को रोकने की जरूरत पर प्रकाश डालती है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्याय हो और हमारे देश की सुरक्षा को खतरा पैदा करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं।"


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