Jammu And Kashmir: महबूबा मुफ्ती के मामा सहित दक्षिण कश्मीर के सभी प्रमुख नेता रिहा होंगे
Mehbooba Mufti. पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती के मामा सरताज मदनी अब्दुल रहमान वीरी नेशनल कांफ्रेंस के डॉ. बशीर वीरी समेत चार बड़े नेताओं को रिहा किया जाएगा।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। Mehbooba Mufti. कश्मीर में लगातार सुधरते हालात और मुख्यधारा की सियासी गतिविधियों की बहाली के मिल रहे संकेत के बीच राज्य प्रशासन ने एहतियातन हिरासत में लिए गए दक्षिण कश्मीर के सभी प्रमुख नेताओं को रिहा करने का फैसला किया है। इसी प्रक्रिया के तहत अगले तीन-चार दिनों में पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती के मामा सरताज मदनी, पीडीपी उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान वीरी और नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व एमएलसी डॉ. बशीर वीरी समेत चार बड़े नेताओं को रिहा किया जाएगा।
दक्षिण कश्मीर के आठ नेता जो पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग में ही एहतियातन हिरासत में हैं या फिर अपने घरों में नजरबंद हैं, को जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। इनके अलावा श्रीनगर स्थित सबजेल एमएलए हॉस्टल में हिरासत में बंद नेशनल कांफ्रेंस के पूर्व एमएलसी डॉ. बशीर वीरी, पीडीपी के उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान वीरी, फारूक अंद्राबी के अलावा कांग्रेस के हिलाल शाह को भी इसी सप्ताह रिहा किया जा सकता है। हिलाल शाह अनंतनाग नगर परिषद के चेयरमैन भी हैं।
जम्मू-कश्मीर गृह विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के करीब पांच नेताओं के अलावा अन्य सभी को रिहा करने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। इस संदर्भ में सभी आवश्यक औपचारिकताओं को परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि महबूबा मुफ्ती के मामा सरताज मदनी और पीडीपी उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान वीरी को भी इसी सप्ताह रिहा किए जाने की उम्मीद है। नेकां के पूर्व एमएलसी बशीर वीरी को स्वास्थ्य के आधार पर रिहा किया जा रहा है। इनके अलावा कांग्रेस के हिलाल मीर और पीडीपी के फारुक अंद्राबी को भी रिहा किए जाएंगे। अलबत्ता, दक्षिण कश्मीर से संबंध रखने वाले पीडीपी के एक अन्य नेता मंसूर अहमद, वहीद उर रहमान पारा की रिहाई की फिलहाल कोई योजना नहीं है।
गौरतलब है कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने के मद्देनजर प्रशासन ने एहतियात के तौर पर भाजपा को छोड़ मुख्यधारा की सियासत से जुड़े सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं व कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया था। इनमें राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं। फारूक को पीएसए के तहत बंदी बनाया गया है। हालात में बेहतरी के आधार पर जम्मू कश्मीर राज्य प्रशासन ने एहतियातन हिरासत में रखे गए कई नेताओं को सशर्त रिहा करने की प्रक्रिया को जारी रखा हुआ है। सबजेल एमएलए हॉस्टल श्रीनगर में इस समय करीब दो दर्जन ही बड़े नेता बंद हैं, जबकि तीन दर्जन के करीब नेताओं को उनके पैतृक कसबों, संबंधित जिला मुख्यालयों में ही हिरासत में रखा गया है या फिर उन्हं उनके घरों में नजरबंद किया गया गया है।