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राजनाथ से मिलीं महबूबा, कहा-भारत-पाक के बीच शुरू हो वार्ता

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के बाद मंगलवार को पहली बार पीपुल्स डेमोक्र

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 02:29 AM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 02:29 AM (IST)
राजनाथ से मिलीं महबूबा, कहा-भारत-पाक के बीच शुरू हो वार्ता
राजनाथ से मिलीं महबूबा, कहा-भारत-पाक के बीच शुरू हो वार्ता

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के बाद मंगलवार को पहली बार पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ ¨सह से मुलाकात की। इस दौरान महबूबा ने राज्य में जारी ¨हसा के दुष्चक्र को समाप्त करने और भारत-पाक के बीच सुलह-सहयोग के दौर की बहाली के लिए दोनों मुल्कों के बीच वार्ता प्रक्रिया को शुरू करने पर जोर दिया।

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पीडीपी और भाजपा ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद आपस में गठजोड़ कर राज्य में गठबंधन सरकार बनाई थी। जून 2018 में भाजपा ने गठबंधन सरकार से अलग होने का एलान करते हुए पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया और गठबंधन सरकार टूट गई। भाजपा के साथ गठजोड़ समाप्त होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं से लगभग दूरी बनाए रखी हुई थी। अलबत्ता, गठबंधन समाप्त होने के बाद आज उनकी गृह मंत्री से पहली मुलाकात थी।

नेहरू गेस्ट हाउस में दोपहर को हुई इस बैठक में महबूबा और राजनाथ ¨सह ने राज्य के मौजूदा राजनीतिक, सुरक्षा और विकासात्मक परिदृश्य पर विचार विमर्श किया। महबूबा ने कश्मीर में शांति बहाली के लिए पाकिस्तान के साथ वार्ता प्रक्रिया की बहाली पर जोर देते हुए कहा कि पड़ोसी के साथ जितने सौहार्दपूर्ण संबंध होंगे, जम्मू कश्मीर मे हालात में उतना ही सकारात्मक बदलाव आएगा। इससे राज्य में सभी संबंधित पक्षों में भी आपस में सुलह का वातावरण बनेगा और लोगों में जो मुख्यधारा से विमुख्ता की भावना नजर आ रही है, वह समाप्त होगी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री को याद दिलाया कि अतीत में जब भी दोनों मुल्कों के बीच अच्छे संबंध रहे, जम्मू कश्मीर में न सिर्फ ¨हसा में कमी आई बल्कि यहां लोकतांत्रिक व विकासात्मक गतिविधियों में आम लोगों की भागेदारी भी बहुत ज्यादा रही। उन्होंने मौजूदा हालात पर ¨चता जताते हुए कहा कि कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों के आतंकरोधी अभियान के दौरान नागरिक मौतों और आम लोगों के नुकसान पर पूरी रोक को सुनिश्चित बनाने के लिए केंद्र सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकरोधी अभियान में या कानून व्यवस्था की स्थिति में एक भी नागरिक की मौत न सिर्फ आम लोगों में मुख्यधारा के प्रति गुस्सा और विमुख्ता को बढ़ाती है बल्कि यह रियासत में सुधरते हालात को फिर बिगाड़ देती है।

महबूबा ने गृह मंत्री से कहा कि वह राज्य में सक्रिय सभी सुरक्षा एजेसियों को अत्याधिक संयम बरतने और कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने व आतंकरोधी अभियानों में निर्धारित एसओपी के अनुपालन को यकीनी बनाने के लिए सख्त निर्देश जारी करें।


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