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महबूबा व उनके करीबियों तक पहुंच सकती है जांच की आंच

श्रीनगर जेके बैंक के कारपोरेट मुख्यालय में एसीबी की छापेमारी के बाद जांच की आंच पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती तक पहुंच सकती है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 09:22 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2019 06:41 AM (IST)
महबूबा व उनके करीबियों तक पहुंच सकती है जांच की आंच
महबूबा व उनके करीबियों तक पहुंच सकती है जांच की आंच

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर बैंक में महबूबा सरकार के कार्याकाल में हुई अवैध नियुक्तियों के मामले की जांच की आंच पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पूर्व वित्तमंत्री डॉ. हसीब द्राबू तक भी पहुंच सकती है। इसके अलावा महबूबा सरकार में रहे कुछ मंत्रियों व विधायकों को भी इस मामले में एंटी क्रप्शन ब्यूरो की जांच का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही चोर दरवाजे से नौकरी पाने वाले सैकडों लाभार्थियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटकने लगी है। जांच में गड़बड़ी सामने आने पर उनकी सेवाएं भी समाप्त की जा सकती हैं।

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जेके बैंक के चेयरमैन पद से हटाए गए परवेज अहमद नेंगरू को राज्य में सत्तासीन रही पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान अक्तूबर 2016 में चेयरमैन बनाया गया था। वह पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पूर्व वित्तमंत्री डॉ. हसीब द्राबू के विश्वासपात्र माने जाते रहे हैं। डॉ. द्राबू भी जम्मू कश्मीर बैंक के चेयरमैन रह चुके हैं। बाद में मतभेदों के चलते महबूबा ने द्राबू को अपनी कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसके बाद द्राबू ने पीडीपी से पूरी तरह नाता तोड़ लिया था।

राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो बीते तीन वर्षो विशेषकर पिछले डेढ़ वर्ष में बैंक में हुई सभी अवैध नियुक्तियों की जांच को लेकर राज्यपाल प्रशासन ने फैसला करते हुए एसीबी को जांच की हरी झंडी दे दी है। उन्होंने बताया कि जांच के दायरे में सिर्फ बैंक के निष्कासित चेयरमैन परवेज अहमद ही नहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के कुछ खास नेता भी आ सकते हैं, जिनके कथित निर्देश पर उनके चहेतों को नियमों की अनदेखी कर बैंक में विभिन्न पदों पर तैनात व तबादला किया गया है। उन्होंने बताया कि बीते तीन वर्षो में बैंक में नियुक्ति पाने वाले अधिकांश लोग दक्षिण कश्मीर से ही हैं और जांच की आंच पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, पूर्व वित्तमंत्री डॉ. हसीब द्राबू व उनके करीबियों तक भी पहुंच सकती है।

उन्होंने बताया कि एसीबी बैंक में पैसे के लेन-देन के आधार पर नौकरियां बांटे जाने की कथित शिकायतों की भी जांच करेगी। एसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि अवैध नियुक्तियों के मामले में एक एफआइआर 10/2019 दर्ज कर ली गई है और उसके बाद ही अन्य कानूनी औपचारिकताओं को पूरा कर जांच शुरू की गई है।


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