Move to Jagran APP

Jammu Kashmir में गिराई जा सकती हैं कई महत्वपूर्ण इमारतें, इसके लिए जल्द किया जाएगा सर्वे

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार असुरक्षित और पुरानी इमारतों के क्षतिग्रस्त होने और जानी नुक्सान का कारण बनने की ज्यादा आशंका होती है। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और उसके साथ सटे इलाकों में ही वादी के अन्य जिलों की अपेक्षा पुरानी और असुरक्षित इमारतें ज्यादा हैं।

By naveen sharmaEdited By: Lokesh Chandra MishraPublished: Thu, 29 Sep 2022 08:15 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 08:15 PM (IST)
Jammu Kashmir में गिराई जा सकती हैं कई महत्वपूर्ण इमारतें, इसके लिए जल्द किया जाएगा सर्वे
सर्वे में असुरक्षित पाई जाने वाली इमारतों की आवश्यक्तानुरूप मरम्मत की जाएगी। कई इमारतों को गिराया भी जा सकता है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर प्रदेश सरकार ने भूस्खलन, हिमपात, भूकंप, बाढ़ समेत विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील इमारतों का पता लगाने के लिए प्रदेश में सभी पुरानी और महत्वपूर्ण इमारतों की सुरक्षा जांच का फैसला किया है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार असुरक्षित और पुरानी इमारतों के क्षतिग्रस्त होने और जानी नुक्सान का कारण बनने की ज्यादा आशंका होती है। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और उसके साथ सटे इलाकों में ही वादी के अन्य जिलों की अपेक्षा पुरानी और असुरक्षित इमारतें ज्यादा हैं।

loksabha election banner

आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, सभी सरकारी इमारतों, अस्पतालों, अदालत परिसरों, शापिंग कांप्लैक्स, स्कूल व कालेज भवनों, पुल और निजी रिहायशी इमारतों का जल्द ही सर्वे किया जाएगा। सर्वे में असुरक्षित पाई जाने वाली इमारतों की आवश्यक्तानुरूप मरम्मत की जाएगी। कई इमारतों को गिराया भी जा सकता है। उन्होंने बताया कि वादी में बीते माह एक के बाद एक कर नौ बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

श्रीनगर समेत वादी के विभिन्न इलाके भूस्खलन, बाढ़ और भूकंप की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील हैं। कोई उच्च तीव्रता वाला भूकंप किसी भी समय भीड़ भरे इलाके में बड़े पैमाने पर जान माल के नुक्सान का कारण बन सकता है और श्रीनगर के भीतरी इलाके अत्यंत संकरे और भीड़ भाड़ वाले हैं।

संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि आपदा प्रबंधन विभाग सर्वे के आधार पर एक कार्ययोजना तैयार कर उसे लागू करेगा। कार्ययोजना में असुरक्षित इमारतों की मुरम्मत और उन्हें सुरक्षित तरीके से गिराए जाने के विकल्प रहेंगे। इसके अलावा कई तंग इलाकों को खुला भी किया जाएगा। ज्योलाजी माइनिंग विभाग भी सर्वे में शामिल रहेगा और प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से अंत्यंत संवेदनशील इलाकों को चिह्नित करेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.