Jammu & Kashmir किश्तवाड़ में एक के बाद एक आतंकी वारदात के बाद कई एजेंसियों ने यहां डाला डेरा
किश्तवाड़ पीडीपी जिला प्रधान शेख नासिर हुसैन के अंगरक्षक से इंसास राइफल छीनने की एक और आतंकी वारदात से सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं।एनआइए सहित कई एजेंसियों ने यहां डाला डेरा है
जम्मू, जेएनएन। किश्तवाड़ पीडीपी के जिला प्रधान शेख नासिर हुसैन के अंगरक्षक से इंसास राइफल छीनने की एक और आतंकी वारदात से सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं। किश्तवाड़ में एक के बाद एक आतंकी वारदात से पुलिस व अर्धसैनिक बलों के जवानों की सतर्कता पर उठ रहे सवाल पर कड़ा संज्ञान लिया गया है। इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) सहित अन्य केंद्रीय खुफिया सुरक्षा एजेंसियों के कई बड़े अधिकारी किश्तवाड़ पहुंच गए हैं।
वहीं, चार दिन बाद भी राइफल छीनने में संलिप्त तीन आतंकियों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। अलबत्ता, पुलिस ने दावा किया है कि उनकी जांच तेजी से चल रही है।
पुलिस ने परिवार को दिखाए आतंकियों के फोटो :
शेख नासिर के परिवार के बयान के बाद पुलिस ने इस मामले में आतंकी ओसामा बिन जावेद, हारून वानी और नावेद को दोषी बनाया है। क्योंकि आठ फरवरी को डीसी किश्तवाड़ के अंगरक्षक की राइफल भी इन्होंने ही छीनी थी और बाद में नौ अप्रैल को आरएसएस के चंद्रकांत शर्मा की हत्या भी उसी राइफल से इन आतंकियों ने की थी।
पुलिस ने शेख परिवार को इन तीनों आतंकवादियों के फोटो दिखाकर यह पुख्ता कर दिया है कि इस वारदात में भी इन्हीं तीनों का हाथ है। पिछले चार दिन से तीनों आतंकवादियों को खोजने के लिए जगह-जगह सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। पूछताछ के लिए संदेह के आधार पर कई लोगों को हिरासत में लेकर उन्हें छोड़ा भी गया है, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला।
आतंकियों के प्रयोग किए रास्तों को भी जांचा :
12 सितंबर को पीडीपी नेता नासिर के परिवार को रातभर बंधक बनाए रखने के बाद 13 की सुबह अंगरक्षक की राइफल छीनकर आतंकी फरार हो गए थे। संवेदनशील किश्तवाड़ में कड़ी सुरक्षा के बाद भी कार लेकर भागे तीन आतंकियों के नहीं पकड़े जाने के बाद पुलिस व अर्धसैनिकबलों की चौकसी व गश्त कर रहे सुरक्षाबलों पर सवाल उठने शुरू हो गए थे। इसके बाद किश्तवाड़ में सक्रिय सुरक्षा एजेंसियों ने इस मसले को गंभीर बताते हुए हाई कमान तक इसे पहुंचाया।
सूत्रों का कहना है कि एनआइए सहित कई केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने किश्तवाड़ पहुंच कर बैठकें की हैं। पूरे किश्तवाड़ की भौगोलिक स्थिति को जाना है। जिस जगह (डुल) से आतंकी कार छोड़ कर भागे थे, वहां घटनास्थल के मुख्य मार्ग के अलावा बीच के कई मार्गो की भी जांच की गई है।
एनआइए सहित अन्य एजेंसियों के अधिकारियों ने पुलिस, सीआरपीएफ व अन्य के अधिकारियों के साथ बैठकें भी की हैं। किश्तवाड़ की सुरक्षा पर मंथन किया गया। इस मसले पर कोई भी बोलने को तैयार नहीं है।
30 हजार से अधिक सुरक्षाबल तैनात :
पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटने के बाद किश्तवाड़ जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 30 हजार से अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।