मणिशंकर को श्रीनगर में सेमिनार से रोका
सेमिनार का आयोजन कोलकाता स्थित सेंटर फार पीए एंड प्रोग्रेस नामक एक संगठन ने किया था। संगठन के अध्यक्ष ओपी शाह हैं जो अकसर कश्मीर मुद्दे पर श्रीनगर में इस तरह के आयोजन करने के लिए साल में कई बार चक्कर लगाते हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर की शनिवार को केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य के भविष्य को लेकर एक सेमिनार में शामिल होने इच्छा पूरी नहीं हुई। प्रशासन ने सेमिनार नहीं होने दिया। पुलिस के मुताबिक, सेमिनार के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। अलबत्ता, मणिशंकर अय्यर ने आरोप लगाया है कि उन्हें होटल में बंद रखा गया और पुलिस ने सेमिनार में भाग लेने आ रहे लोगों को जबरन रोका गया।
सेमिनार का आयोजन कोलकाता स्थित सेंटर फार पीए एंड प्रोग्रेस नामक एक संगठन ने किया था। संगठन के अध्यक्ष ओपी शाह हैं, जो अकसर कश्मीर मुद्दे पर श्रीनगर में इस तरह के आयोजन करने के लिए साल में कई बार चक्कर लगाते हैं। सम्मेलन का विषय था जम्मू एंड कश्मीर- द रोड अहेड। ओपी शाह के निमंत्रण पर ही बीते रात मणिशंकर अय्यर श्रीनगर पहुंचे थे। सेमिनार दोपहर को एक बजे होना था। अलबत्ता, सुबह ही पुलिस उस होटल में पहुंची जहां सेमिनार होना था। ओपी शाह और मणिशंकर भी इस होटल में रुके हुए थे। मणिशंकर उस समय सैर पर गए थे। पुलिस ने कथित तौर पर ओपी शाह को कहा कि होटल में सेमिनार की पूर्वानुमति नही ली गई है। मणिशंकर ने कहा कि मुझे उसी समय होटल में लौटने को कहा गया। हमें पुलिस ने होटल में ही एक तरह से बंधक बनाकर रख लिया। किसी से मिलने भी नहीं दिया गया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम यहां अखबारों में पढ़ते हैं कि विदेशी राजनियकों और राजदूतों को कश्मीर में घुमाया जाता है, उन्हें बताया जा रहा है कि यहां सबकुछ सामान्य है। काश, वह लोग आज मेरी और ओपी शाह की हालत भी देखते। हम यहां एक भारतीय नागरिक होने के नाते आए हैं। कश्मीर भारत का एक अटूट और अविभाज्य अंग है। कश्मीर भी भारतवासी हैं, हमारे भाई हैं, हम उनसे मिलने आए हैं। हमारे कश्मीर भाइयों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।