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महबूबा की कम नहीं हो रही मुश्किलें, राजा एजाज अली का इस्तीफा

दो अन्य बड़े नेताओं के भी पार्टी छोड़ने की अटकलें राज्य ब्यूरो, जम्मू : दिग्गज नेता मुजफ्

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 12:02 AM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 12:02 AM (IST)
महबूबा की कम नहीं हो रही मुश्किलें, राजा एजाज अली का इस्तीफा
महबूबा की कम नहीं हो रही मुश्किलें, राजा एजाज अली का इस्तीफा

दो अन्य बड़े नेताओं के भी पार्टी छोड़ने की अटकलें राज्य ब्यूरो, जम्मू : दिग्गज नेता मुजफ्फर हुसैन बेग को पीडीपी का संरक्षक बना अपना सियासी कुनबा बचाने में जुटी महबूबा मुफ्ती की चिंताएं अभी कम नहीं हो रही हैं। दो पूर्व मंत्रियों समेत चार पूर्व विधायकों के इस्तीफे के बाद अब पूर्व मंत्री बशारत बुखारी और राज्यसभा से सासद फैयाज अहमद मीर के भी राह बदलने की अटकलें हैं। इसी बीच सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक राजा एजाज अली ने बृहस्पतिवार को उपेक्षा के आरोप लगा प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

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उधर, बशारत बुखारी और फैयाज अहमद मीर को मनाने के लिए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने विश्वासपात्रों को लगाया है। पार्टी उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान वीरी, पूर्व मंत्री दिलावर मीर को बुखारी व फैयाज अहमद को मनाने के लिए कहा है। सूत्र बताते हैं कि खुद उन्होंने भी दोनों नेताओं से संपर्क साधा है। चर्चा है कि बशारत बुखारी नेशनल काफ्रेंस और फैयाज अहमद मीर सज्जाद गनी लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स काफ्रेंस में अपना भविष्य विकल्प तलाश रहे हैं। यहां बता दें कि निकाय चुनावों में फैयाज मीर के भाई ने पीडीपी की सदस्यता से इस्तीफा देकर कुपवाड़ा नगर समिति का चुनाव लड़ा था।

बशारत बुखारी करीब एक साल पहले से पार्टी में खुद को सहज महसूस नहीं कर रहे हैं और भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार के भंग होने से कुछ समय पहले ही उनके नेशनल काफ्रेंस में जाने की अटकलें थीं। बशारत बुखारी 2002 में पीडीपी शामिल हुए थे। वह गत 14 जून को आतंकी हमले में मारे गए पत्रकार शुजात बुखारी के बड़े भाई हैं और संग्रामा विधानसभा क्षेत्र से दो बार चुनाव जीत चुके हैं।

उधर, राजा एजाज अली ने पीडीपी से इस्तीफा देते हुए महबूबा मुफ्ती को लिखे पत्र में कहा है कि संगठन में उनका दम घुट रहा था। पार्टी अपने मूल सिद्धातों को भूल चुकी है। इसलिए मैं उड़ी में अपने सभी पार्टी वर्करों व पदाधिकारियों संग संगठन से हर तरह के रिश्ते तोड़ने को बाध्य हूं। राज्य पुलिस में आइजी के पद से रिटायर हुए राजा एजाज अली ने वर्ष 2014 में ही पीडीपी के टिकट पर उड़ी में विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गए थे। हालाकि पीडीपी ने अभी राजा एजाज अली के इस्तीफे पर किसी तरह की प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है।

अली ने पत्र में बताया कि उन पर उड़ी विधानसभा क्षेत्र के पीडीपी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का संगठन से अलग होने का तीव्र दबाव था। पीडीपी ने उड़ी विधानसभा क्षेत्र, उड़ी में सक्रिय पीडीपी कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा की। उन्होंने पार्टी पर उपेक्षा का भी आरोप लगाया। राजा अली ने भावी योजनाओं का खुलासा नहीं किया है लेकिन कयास लग रहे हैं कि वह कांग्रेस या नेशनल कांफ्रेंस में जा सकते हैं।

इससे पूर्व पीडीपी से अब तक चार पूर्व विधायक इमरान रजा अंसारी, आबिद अंसारी, मोहम्मद अब्बास वानी और पूर्व वित्तमंत्री डा हसीब द्राबु इस्तीफा दे चुके हैं। अंसारी बंधुओं ने जहा पीपुल्स काफ्रेंस का दामन थामा है, वहीं डा. द्राबु ने अभी तक अपनी अगली सियासी पारी का एलान नहीं किया है।


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