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उपराज्यपाल ने विशेष सहायता योजना 'सक्षम' शुरू की

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को कोरोना महामारी में अपने एकमात्र कमाऊ स्वजन को गंवाने वाले परिवारों के साथ सहानुभूति जताते हुए कहा कि हम इनके साथ हमेशा खड़े हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Jul 2021 07:25 AM (IST)Updated: Thu, 01 Jul 2021 07:25 AM (IST)
उपराज्यपाल ने विशेष सहायता योजना 'सक्षम' शुरू की
उपराज्यपाल ने विशेष सहायता योजना 'सक्षम' शुरू की

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को कोरोना महामारी में अपने एकमात्र कमाऊ स्वजन को गंवाने वाले परिवारों के साथ सहानुभूति जताते हुए कहा कि हम इनके साथ हमेशा खड़े हैं। यह लोग बिना किसी वित्तीय दिक्कत एक सम्मानजनक जिंदगी बसर कर सकें, इसके लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। सिन्हा ने बुधवार को कोविड-19 से अपने एकमात्र कमाऊ सदस्य को गंवाने वाले परिवारों के लिए विशेष सहायता योजना 'सक्षम' शुरू की। उन्होंने कोविड-19 के कारण बेसहारा हुए बच्चों व परिवारों में सक्षम योजना के तहत छात्रवृत्तिया और पेंशन प्रमाणपत्र भी बाटे।

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उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार महमारी में अपने माता-पिता को गंवाने वाले बच्चों की पूरी मदद करने को संकल्पबद्ध है। प्रशासन ऐसे बच्चों के संरक्षक के रूप में उनकी शिक्षा व देखभाल के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी, ताकि उनका भविष्य उज्जवल बने। उन्होंने कहा कि यह महामारी सबसे बड़ी है। ऐसे में हमारी पहली जिम्मेदारी है कि कोरोना में एकमात्र कमाऊ सदस्य को गंवाने वाले परिवारों की आजीविका बहाल हो। ऐसे परिवारों का हाथ थामने के लिए ही समाज कल्याणा विभाग में एक विशेष प्रकोष्ठ गठित किया गया है। संबंधित परिवारों के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से उनको लाभ सुनिश्चित बनाया जाएगा। कारोबार के लिए वित्तीय मदद से लेकर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा :

सिन्हा ने कहा कि प्रशासन प्रत्येक पीड़ित परिवार तक अपनी पहुंच बनाएगा। अगर कोई परिवार अपना कारोबार शुरू करने का इच्छुक होगा तो उसे वित्तीय मदद के साथ-साथ आवश्यक प्रशिक्षण और बाजार में माल की खरीद-फरोख्त में भी सहयोग किया जाएगा। सभी जिला उपायुक्तों और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को कोविड महामारी में अपने किसी स्वजन को गंवाने वाले सभी परिवारों को चिन्हित करने के लिए कहा गया है। कोई भी पीड़ित परिवार पीछे न छूटे : उपराज्यपाल ने जिला समाज कल्याण अधिकारियों को कोरोना महामारी से पीड़ित परिवारों के साथ निरंतर संवाद संपर्क करने का निर्देश देते हुए कहा कि आप लोगों को पूरी जिम्मेदारी और संवेदना के साथ काम को प्रत्येक पीड़ित परिवार तक पहुंचना है ताकि कोई भी पीछे न छूटे। उपराज्यपाल ने सक्षम योजना के तहत छात्रवृत्ति और पेंशन लाभ के लिए 512 लाभान्वितों को चिन्हित करने के लिए समाज कल्याण विभाग को सराहते हुए कहा कि हमें इस योजना की पात्र शत प्रतिशत आबादी को लाभ पहुंचाना है। पीएम केयर्स फार चिल्ड्रेन योजना का लाभ भी सुनिश्चित बनाएं :

सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना महामारी से प्रभावित बच्चों के लिए शुरू की गई पीएम केयर्स फार चिल्ड्रेन योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस योजना से भी जम्मू कश्मीर के कई परिवार और बच्चे लाभान्वित होंगे। इसलिए सभी संबधित अधिकारी प्रत्येक पीड़ित परिवार के लिए पीएम केयर्स योजना के लाभ सुनिश्चित बनाएं।

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क्या है सक्षम योजना :

कोरोना महामारी से परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य की मौत होने पर संबंधित परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य के अलावा दिवंगत की पत्नी या पति को एक हजार रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी। इसके अलावा पीड़ित परिवार के नाबालिग बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिए हर साल 20 हजार और कालेज जाने वाले बच्चों को 40 हजार रुपये की वाíषक छात्रवृत्ति मिलेगी। यह छात्रवृत्ति सिर्फ दो बच्चों के लिए ही होगी और वह भी उस स्थिति में जब वह किसी अन्य योजना के तहत छात्रवृत्ति प्राप्त न कर रहे हों। खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने का संकल्प

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रदेश के नागरिकों के लिए खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि इसके लिए समय पर खाद्यान्न उपलब्ध कराना, प्रभावी और पारदर्शी आपूíत एवं वितरण प्रबंधन के साथ विभिन्न योजनाओं के लाभान्वितों को आधार से लिंक करने के शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। वह यहा नागरिक सचिवालय में खाद्य आपूíत एवं उपभोक्ता मामले विभाग के कामकाज की उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा कर रहे थे। उपराज्यपाल ने खाद्य वितरण श्रृंखला को सुचारु बनाने, लाभाíथयों की सौ फीसत आधार सीडिंग करने, नागरिकों को अधिकतम लाभ के लिए गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की उपलब्धता को युक्तिसंगत बनाने के निर्देश दिए। एक करोड़ लोगों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा

जम्मू कश्मीर में आनलाइन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 6738 राशन की दुकानों के नेटवर्क के जरिए एक करोड़ लोगों को राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश के दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में सíदयों से पहले ही राशन के भंडारण और आपूíत को सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि एक राष्ट्र एक राशन कार्ड, जिसे वन नेशन, वन राशनकार्ड भी कहा जाता है, ने गरीबों और जरूरतमंदों को सशक्त बनाया है। यह प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत की अवधारना को हकीकत में बदलने की दिशा मे किए जा रहे कार्याें का एक हिस्सा है। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार एनएफएसए और गैर-एनएफएसए दोनों लाभाíथयों सहित 25.73 लाख राशन कार्ड धारकों को कवर करते हुए 6738 राशन की दुकानों के नेटवर्क के माध्यम से राशन के साथ एक करोड़ लोगों तक पहुंच रही है। वितरण श्रृंखला को सुव्यवस्थित करने पर जोर देते हुए उपराज्यपाल ने रियायती और सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण खाद्यान्न की उपलब्धता को युक्तिसंगत बनाने के अलावा, संबंधित अधिकारियों को प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने के लिए नीति नियोजन स्तर पर सुधार लाने का निर्देश दिया। जनता के मुद्दों के प्रति सक्रिय रहने की आवश्यकता

उपराज्यपाल ने सभी योजनाओं को ऑनलाइन उपलब्ध कराने, वितरण प्रक्रिया को पूरी तरह से स्वचालित करने, लाभाíथयों के प्रमाणीकरण और लोगों की सुविधा के लिए जन शिकायत पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। कोविड-19 के मद्देनजर जनता के मुद्दों के प्रति सक्रिय रहने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, उपराज्यपाल ने विभाग को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अतिरिक्त मुफ्त खाद्यान्न का निर्बाध वितरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। ताकि गरीबों और जरूरतमंदों की मुश्किलों को दूर किया जा सके। 95 फीसद से अधिक राशन कार्डो को आधार से जोड़ा जा चुका :

इससे पूर्व आयुक्त/सचिव खाद्य नागरिक आपूíत एवं उपभोक्ता मामले विभाग जुबैर अहमद ने बताया कि एनएफएसए लाभाíथयों के लिए 95 फीसद से अधिक राशन कार्डो को आधार से जोड़ा जा चुका है। साथ ही पीओएस मशीन के माध्यम से राशन वितरण विशेष रूप से किया जा रहा है। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में पीडीएस के समग्र संचालन, अब तक जम्मू-कश्मीर में राशन कार्डो का कवरेज, ईपीओएस स्थिति, एएवाई परिवारों को सब्सिडी वाली चीनी की स्थिति के अलावा, वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत हासिल की गई प्रगति, वेब आधारित पोर्टलों का उपयोग, एंड-टू-एंड कम्प्यूटरीकरण की स्थिति और उपभोक्ता विवाद निवारण मंचों के गठन के बारे में बैठक को जानकारी दी। मई के दौरान एनएफएसए, पीएमजीकेएवाई, गैर-एनएफएसए और जेकेएफईएस जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत एक लाख मीट्रिक टन से अधिक आवंटन की जानकारी दी गई।

उपराज्यपाल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधान मंत्री के प्रौद्योगिकी संचालित प्रणाली सुधारों का हिस्सा वन नेशन, वन राशन कार्ड ने गरीबों और जरूरतमंदों को सशक्त बनाया है। उपराज्यपाल ने उपभोक्ताओं को खाद्यान्न की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया, जबकि प्राथमिकता आकलन की पहचान करते हुए अधिकतम ईपीओएस मशीनों को ऑनलाइन मोड में ले जाना, वंचित दावेदारों को कवर करने के लिए नामाकन नीति की शुरुआत, कमजोर समूहों का कवरेज, मिट्टी के तेल के वितरण को सुव्यवस्थित करना, ट्रैकिंग आपूíत श्रृंखला प्रबंधन, एनएफएसए नियमों का निर्माण, गैर-एनएफएसए की आधार सीडिंग आदि के निर्देश दिए गए।


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