'विकास यात्रा' के लिए राजभवन से निकले सिन्हा
मंगलवार को वह पहली बार श्रीनगर से बाहर किसी किसी दूसरे जिले का दौरा करने निकले। वह गांदरबल में थे। यहां उन्होंने 54.57 करोड़ की लागत से तैयार 12 विकास योजनाओं का ई-उद्घाटन किया।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सरकार के गांव की ओर (बैक टू विलेज) कार्यक्रम का तीसरा चरण भले ही अक्टूबर में शुरू होगा, लेकिन विकास की नई यात्रा का सफर अभी से शुरू हो गया है। तभी तो उपराज्यपाल मनोज सिन्हा राजभवन से निकलकर लोगों के बीच जा पहुंचे। मंगलवार को वह पहली बार श्रीनगर से बाहर किसी किसी दूसरे जिले का दौरा करने निकले। वह गांदरबल में थे। यहां उन्होंने 54.57 करोड़ की लागत से तैयार 12 विकास योजनाओं का ई-उद्घाटन किया। इसके अलावा 2.57 करोड़ की लागत वाली तीन नई विकास योजनाओं का नींव पत्थर भी रखा।
उपराज्यपाल ने गांदरबल में माता क्षीर भवानी के मंदिर में पूजा कर शांति, सुरक्षा और सुख-समृद्धि की कामना की। विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने ब्लॉक विकास परिषदों के अध्यक्षों, नगर निकाय समितियों के सदस्यों, व्यापारियों व नागरिक समाज के विभिन्न प्रतिनिधियों से मुलाकात कर बात की। क्षेत्रवार योजनाओं पर अधिकारियों से फीडबैक लिया। जिला उपायुक्त गांदरबल शफकत इकबाल ने पूरे जिले के विकास परिदृश्य के बारे में बताया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनता को सामान्य सरकारी सेवाओं के लिए कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। सकारात्मक बदलाव के लिए कागजों के बजाय जमीनी स्तर पर उपलब्धियों को सुनिश्चित बनाना है। लाभार्थियों को सौ फीसद लाभ मिले: उपराज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि सामाजिक सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को आधार लिक से 100 फीसद भुगतान करें। जन शिकायत निवारण तंत्र में आवश्यक सुधार कर उसे पूरी तरह क्रियाशील बनाएं। मनरेगा में 15 दिन में हो भुगतान
उपराज्यपाल ने गांव की ओर कार्यक्रम के तहत हुए कार्यो का तीसरे पक्ष के जरिए आकलन व लेखा परीक्षण कराने पर जोर दिया है। ऐसा करना यह लंबित कार्यो को जल्द पूरा करने में सहायक होगा। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि कोई भी परियोजना अकारण अधर में नहीं लटकनी चाहिए। मनरेगा के तहत 15 दिनों के भीतर भुगतान को सुनिश्चित बनाएं। जिला उपायुक्त मैट्रिक पूर्व और बाद की छात्रवृत्तियों का समयबद्ध तरीके से सभी लाभार्थियों को लाभ सुनिश्चित बनाएं। डोमिसाइल प्रमाणपत्र बनवाने में दिक्कतों पर सख्ती
जिले के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने डोमिसाइल प्रमाणपत्र प्राप्त करने में आ रही दिक्कतें बताई। इसका उपराज्यपाल ने संज्ञान लिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्थायी नागरिकता प्रमाणपत्र (पीआरसी) धारकों को बिना किसी रुकावट प्रमाणपत्र जारी करें। एक हेक्टेयर जमीन पर खनन कर सकेंगी पंचायत
राज्य ब्यूरो, जम्मू: उपराज्यपाल प्रशासन ने पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें एक हेक्टेयर जमीन पर खनन का अधिकार दिया है। खनन के नियमों में कुछ छूट देते हुए पंचायतों को सीमित समय के लिए निर्माण सामग्री के खनन व इसे ट्रांसपोर्ट करने का अधिकार दिया गया है। इसके लिए पंचायतों को एडवांस में कोई रायल्टी भी नही देनी होगी। खनन का यह अधिकार 30 सितंबर 2021 या फिर अगला आदेश जारी होने तक प्रभावी रहेगा। सरकार ने पंचायतों को खनन, पर्यावरण संबंधी क्लीयरेंस देने के लिए जियोलॉजी एंड माइनिग विभाग को अधिकार दिए हैं। मंगलवार को सरकार के आयुक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। जनता खुद भी करे विकास कार्यो का आकलन
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: प्रदेश प्रशासन ने सरकारी कामकाज और खर्च में पारदर्शिता लाने के लिए वर्ष 2019-20 के दौरान अवसंरचना विकास के पूरे किए गए सभी 10573 कार्यो को सार्वजनिक कर दिया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देशानुसार वित्त विभाग ने इन सभी कार्यों की ई-बुक्स जारी की है। इसके तहत अब जनता विकास कार्यो का आकलन कर खुद फीडबैक दे सकती है। भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था और सुशासन के लिए प्रदेश प्रशासन ने पहली बार सभी सरकारी कार्यो को सार्वजनिक कर आम जनता से उनका आकलन कराने का कदम उठाया है। प्रशासन जनता से फीडबैक के अलावा सरकारी पैसे के दुरुपयोग पर रोक लगाना चाहता है। इससे कागजों में दिखाए जाने वाले काम और जमीन पर नजर आने वाले काम में जो अंतर होता है, उसे दूर करन का प्रयास किया जाएगा। ई बुक्स में जिला सेक्टर की 1165, गांव की ओर कार्यक्रम की 1930 और जेकेआइडीएफसी की 506 योजनाओं का ब्यौरा है। यह सभी वर्ष 2019-20 में पूरी की गई हैं। लोग वित्त विभाग के वित्त आयुक्त से मिलकर भी विकास कार्यो पर पक्ष रख सकते हैं।