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एय्याश दुजाना को सुरक्षाबलों ने मिलाया 72 हूरों से

पुलवामा में जिस लडक़ी से दुजाना ने शादी की थी, उसके अलावा भी दुजाना के कई और लड़कियों के साथ तथाकथित तौर पर संबंध थे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 01 Aug 2017 03:12 PM (IST)Updated: Tue, 01 Aug 2017 04:14 PM (IST)
एय्याश दुजाना को सुरक्षाबलों ने मिलाया 72 हूरों से
एय्याश दुजाना को सुरक्षाबलों ने मिलाया 72 हूरों से

श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । जिहाद करोगे तो जन्नत में 72 हूरें मिलेंगी, यही पाठ पढक़र कश्मीर में मासूमों का खून बहा रहा लश्कर कमांडर अबु दुजाना मंगलवार को  सुरक्षाबलों ने उस समय हूरों के पास भेज दिया,जब वह एक स्थानीय लडक़ी (तथाकथित तौर पर उसकी ब्याहता) से मिलने अपने तीन अन्य साथियों संग आया। 

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आईजीपी कश्मीर मुनीर अहमद खान के अनुसार, दुजाना एयय़ाश था। वह जिस घर मेंं जाता था, वहीं पर अपनी मनमर्जी करता था।  उसके मारे जाने के बाद अब हमारी मां-बहनें सभी सुरक्षित हैं। हकरीपोरा में भी वह इसी चक्कर में आया था। 

हालांकि पुलवामा में जिस लडक़ी से दुजाना ने शादी की थी, उसके नाम की पुष्टि नहीं की गई है,लेकिन उसके अलावा भी दुजाना के कई और लड़कियों के साथ तथाकथित तौर पर संबंध थे। इससे लश्कर के कई ओवरग्राऊंड वर्कर ही नहीं , सरहद पार बैठे आतंकी कमांडर भी नाराज थे। 

कहा जाता है कि दुजाना की इसी आदत के कारण पुलवामा में गडूरा गांव में लश्कर का प्रमुख ओवरग्राऊंड वर्कर मोहम्मद युसुफ लोन भी नाराज था। उसने कई बार दुजाना को टोका था । उसने गुलाम कश्मीर और पाकिस्तान स्थित लश्कर कमांडरों से भी दुजाना की शिकायत की थी। इस पर दुजाना ने अपने साथियों संग मिलकर 19 मई को युसुफ लोन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 

युसुफ लोन की हत्या के बाद से लश्कर ने दुजाना को वापस लौटने या फिर कश्मीर में अपनी गतिविधियां तेज करने का फरमान सुनाया था। लेकिन दुजाना सुरक्षाबलों के बड़ते दबाव और स्थानीय लडक़ी से शादी के कारण कोई बड़ी वारदात अंजाम नहीं दे पा रहा था। 

स्थानीय लड़कियों के साथ संबंधों और युसुफ लोन की हत्या के बाद कई स्थानीय ग्रामीण भी दुजाना के खिलाफ हो गए थे और उन्होंने सुरक्षाबलों तक उसके ठिकाने की खबर पहुंचा दी। गत रोज पता चला कि वह हकरीपोरा में आने वाला है और एक मकान विशेष के आस-पास सुरक्षाबलों के मुखबिर बैठ गए। सुबह साढ़े तीन बजे के करीब वह एक लडक़ी से मिलने आ गया। उसके साथ तीन आतंकी और थे। सुरक्षाबलों ने फौरन घेराबंदी शुरु कर दी। दो उसी समय भाग निकले,लेकिन दुजाना व आरिफ ललहारी फंस गए। दोनों को आत्मसमर्पण का मौका भी दिया गया। लेकिन उन्होंने फायरिंग की और सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में मारे गए। 

आईजीपी कश्मीर मुनीर अहमद खान ने अवंतीपोर में जीओसी चिनार कोर लेफिटनेंट जनरल जेएस संधु की उपस्थिति में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि दुजाना एययाश था। वह जहां जाता था, औरतों को तंग करता था। जिस घर में जाता था,अपनी मनमर्जी करता था। अब हमारी मां-बहने पूरी तरह सुरक्षित हैं। वह एक गंदगी थी जिसे हमने आज साफ कर दिया। 

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