कैसे हुआ कश्मीर में आतंक फैलाने वाले नवीद जट्ट का खात्मा, जानें इसकी पूरी कहानी
Terrorist naweed jatt.घाटी में आतंक मचाने आए नवीद जट्ट को अबु कासिम और अबु दुजाना का करीबी माना जाता रहा है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। घाटी में करीब छह साल पहले आतंक मचाने आए नवीद जट्ट को अबु कासिम और अबु दुजाना का करीबी माना जाता रहा है। वह उनके साथ ही घाटी में दाखिल हुआ था। पाकिस्तान में साहिवाल मुल्तान का रहने वाला नवीद 12 साल की उम्र में दारुल उलूम सलफिया बोरीबाली में इस्लाम की पढ़ाई करने गया था। वह 16 साल का था, जब उसने कश्मीर में घुसपैठ की थी। नवीद जट्ट ने करीब दो साल तक लाहौर के पास स्थित लश्कर के कैंप मुरीदके और उसके बाद मनेशरा में ट्रेनिंग ली थी।
वह एक अच्छा खिलाड़ी और एथलीट माना जाता था। मुनु, अबु और छोटू के कोड नाम से अलग-अलग समय पर वारदात करने वाला नवीद जट्ट वर्ष 2014 में शमसीपोरा में पकड़ा गया था और उसके बाद वह इस साल छह फरवरी तक जेल में बंद रहा था। छह फरवरी को वह इलाज के लिए जेल से एसएमएचएस अस्पताल पहुंचा और वहां अपने साथियों संग दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार हो गया था। उसने वर्ष 2014 में दो पुलिसकर्मियों को अवंतीपोरा के इलाके में मौत के घाट उतारने के अलावा वर्ष 2013 में पुलवामा में एक पुलिस एएसआई और एक सीआरपीएफ कर्मी की हत्या भी की थी। पकड़े जाने से पूर्व वह सुरक्षाबलों पर हमले की विभिन्न वारदातों में लिप्त रहा है।
उसने ही इस साल जून माह के दौरान पत्रकार शुजात बुखारी व उनके दो अंगरक्षकों की हत्या की थी। गत सप्ताह उसका करीबी आजाद अहमद दादा अपने अन्य साथियों संग सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। इसके बाद दो दिन पहले उसका एक अन्य साथी एजाज अहमद मकरु उर्फ मौलवी भी मारा गया था।
आतंकी नवीद जट्ट का इस तरह हुआ खात्मा
लालचौक से करीब 15 किलोमीटर दूर कोठीपोरा में बुधवार को 15 लाख के इनामी आतंकी नवीद जट्ट उर्फ हंजला को उसके एक साथी समेत मार गिराते हुए सुरक्षाबलों ने न सिर्फ पत्रकार शुजात बुखारी समेत तीन सुरक्षाकर्मियों की मौत का बदला लिया बल्कि कश्मीर में लश्कर की कमर भी तोड़ दी। करीब तीन घंटे की मुठभेड़ में तीन सैन्यकर्मी भी जख्मी हुए और आतंकी ठिकाना बना मकान भी तबाह हो गया। इस दौरान मुठभेड़स्थल पर जमा हुए आतंकी समर्थकों और सुरक्षाबलों के बीच हुई हिंसक झड़पों में छह लोग जख्मी हो गए। हालात को देखते हुए प्रशासन ने बड़गाम के विभिन्न हिस्सों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने के साथ ही बनिहाल-बारामुला रेल सेवा को भी बंद कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, पुलिस को अपने तंत्र से पता चला था कि नवीद जट्ट जिसे वह दक्षिण कश्मीर में तलाश कर रही है, अपनी जान बचाने के लिए श्रीनगर के पास ही छिपा हुआ है। पुलिस ने अपने सभी मुखिबरों को सक्रिय किया और देर रात पता चला कि वह लालचौक से करीब 15 किलोमीटर कोठीपोरा, छत्रगाम में छिपा हुआ है। ठिकाने का पता चलते ही सेना की 50 आरआर और राज्य पुलिस विशेष अभियान दल ने गांव की घेराबंदी शुरू कर दी।
बुधवार सुबह नमाज की अजान के बाद सुरक्षाबलों ने गांव में तलाशी अभियान शुरू किया और साढ़े छह बजे के करीब जैसे ही जवान आतंकी ठिकाना बने मकान के पास पहुंचे, अंदर छिपे आतंकियों ने फायरिंग कर दी। आतंकियों ने घेराबंदी तोड़ने कर भागने का हर संभव प्रयास किया। जवानों ने उनके हर इरादे को नाकाम बना दिया। इस दौरान तीन जवान भी जख्मी हो गए। लगभग तीन घंटे तक चली में वहां छिपे दो आतंकी मारे गए। आतंकियों की तरफ से अंतिम गोली चलने के लगभग एक घंटे बाद जवानों ने सावधानी पूर्वक आगे बढ़ते हुए उनके ठिकाने की तलाशी ली। इस दौरान उन्हें वहां गोलियों से छलनी दो आतंकियों के शव और हथियारों का एक बड़ा जखीरा मिला।
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने मुठभेड़ में दो आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि यह बहुत बड़ी कामयाबी है। लश्कर कमांडर नवीद जट्ट भी मारा गया है। उसके साथ जो दूसरा आतंकी मरा है,वह स्थानीय है। हालांकि उसकी पहचान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन वह पुलवामा का अरशद डार हो सकता है।