कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए सरकार ने उठाया ये कदम
कश्मीर से पलायन करने वाले कश्मीरी पंडितों की वापसी और पुनर्वास की दिशा में फिर अहम कदम बढ़ाया गया है।
श्रीनगर, [नवीन नवाज] । कश्मीर से पलायन करने वाले कश्मीरी पंडितों की वापसी और पुनर्वास की दिशा में फिर अहम कदम बढ़ाया गया है। जम्मू कश्मीर सरकार ने प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम (पीएमडीपी) के तहत विस्थापितों के लिए विभिन्न सरकारी विभागों में तीन हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बार भर्ती प्रक्रिया का लाभ उन पंडित परिवारों को भी मिलेगा, जिन्होंने पलायन नहीं किया था।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि पंडितों के पुनर्वास की प्रक्रिया और पीएमडीपी की स्थिति की पहली दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के उच्चाधिकारियों ने राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में समीक्षा की है। सरकार ने बताया कि तीन हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। वादी से पलायन न करने वाले पंडित परिवारों को भी पैकेज में हिस्सा दिया जा रहा है। पंडितों के लिए तीन हजार में से 1660 पदों को सरकार ने जम्मू कश्मीर सेवा भर्ती बोर्ड को पूरा करने के लिए सौंप दिया है। 500 पद राज्य गृह विभाग को सौंपे हैं।
बता दें कि पलायन न करने वालों को पहले पैकेज में भागीदार नहीं बनाया था। संबंधित परिवारों द्वारा आर्थिक दिक्कतों का ध्यान दिलाने के बाद सरकार ने इन्हें भी पैकेज में पहली बार शामिल किया है। सरकार के मुताबिक, पलायन न करने वाले पंडितों के लिए 500 नौकरियों का प्रावधान करते हुए मंडलायुक्त कश्मीर के नेतृत्व में चयन समिति गठित की है। यह समिति गैर विस्थापित परिवारों के योग्य लोगों की निशानदेही करते हुए उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया को अंतिम रूप देगी। चतुर्थ श्रेणी के 50 पद राहत संगठन को पंडित उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए सौंपे गए हैं। शेष 290 पद भरने के लिए प्रशासकीय विभागों से आवश्यक अनुमति और अन्य औपचारिकताओं के संदर्भ में संबंधित नियमों को पूरा किया जा रहा है।
2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कश्मीरी पंडितों के लिए छह हजार सरकारी नौकरियों के पैकेज का एलान किया था। पैकेज के तहत तीन हजार नौकरियों पर आने वाला खर्च केंद्र को वहन करना था। शेष तीन हजार पर आने वाला खर्च राज्य सरकार को। मौजूदा सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था का हवाला देते हुए सभी छह हजार नौकरियों का खर्च केंद्र को वहन करने का आग्रह किया था जिसे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीकार कर लिया था। तीन हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
गैर विस्थापितों के लिए एक परिवार-एक रोजगार
प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत विस्थापितों के रोजगार पैकेज में कश्मीर में रहने वाले 800 गैर विस्थापित कश्मीरी पंडित परिवारों के लिए किए नौकरियों के प्रावधान में प्रत्येक गैर विस्थापित पंडित परिवार के किसी एक ही योग्य सदस्य को नौकरी मिलेगी।
क्या है वापसी का पैकेज
विस्थापित कश्मीरी पंडितों की वादी में सम्मानजनक वापसी के लिए 2008 में केंद्र सरकार ने रोजगार पैकेज का एलान किया था। यह पैकेज उन परिवारों के लिए है जो वादी में लौटने और स्थायी रूप से बसने को तैयार हैं। पैकेज के तहत वादी में लौटने वाले विस्थापित कश्मीरी पंडित परिवार को शुरू में ट्रांजिट अथवा अस्थायी सुविधा प्रदान की जाती है। इसके अलावा उन्हें वादी में अपने पुश्तैनी मोहल्ले, कस्बे अथवा गांव में मकान बनाने या पुराने मकान की मरम्मत के लिए नकद सहायता भी दी जाती है।