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आतंक के दौर में भी पलायन न करने वाली 110 वर्षीय रूपा देवी का निधन

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकियों की धमकियों के बावजूद उत्तरी कश्मीर के जलूरा (सोपोर)

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Sep 2017 01:51 AM (IST)Updated: Fri, 22 Sep 2017 01:51 AM (IST)
आतंक के दौर में भी पलायन न करने वाली 110 वर्षीय रूपा देवी का निधन
आतंक के दौर में भी पलायन न करने वाली 110 वर्षीय रूपा देवी का निधन

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकियों की धमकियों के बावजूद उत्तरी कश्मीर के जलूरा (सोपोर) में अपने पैतृक घर से पलायन न करने वाली 110 वर्षीय कश्मीर पंडित महिला रूपा देवी का वीरवार को लंबी बीमारी के बाद देहावसान हो गया। उनकी मौत की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय मुस्लिम उसके अंतिम दाह संस्कार में शामिल हुए।

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रूपा देवी के पति आरदानाथ पंडित का कई साल पहले देहांत हो चुका है। जलूरा के स्थानीय निवासी मुश्ताक अहमद ने कहा कि जब यहां आतंकवाद चरम पर था और कश्मीरी पंडित पलायन कर रहे थे तो रूपा देवी कहती थीं कि यह मेरा घर है, यहां से कोई मुझे नहीं निकाल सकता। शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा जिसे वह नहीं जानती हों या कोई उनसे अंजान हो। आबिद नामक एक युवक ने कहा कि हम सभी ने मिलकर रूपा देवी के अंतिम दाह संस्कार की व्यवस्था की। वह बेशक हमारे मजहब से नहीं थीं, लेकिन हमारी मां जैसी ही थीं।

रूपा देवी के पुत्र रमेश कुमार ने कहा कि स्थानीय मुस्लिमों ने हमेशा एक परिवार की तरह हमारा साथ दिया है। आज मेरी मां के अंतिम संस्कार में भी यही लोग मेरे साथ हैं। यही कश्मीर और कश्मीरियत है।

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