घाटी में मतदाता सूचियों में दर्ज हैं कश्मीरी विस्थापितों के नाम
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकवाद के चलते कश्मीर से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों के नाम आज भ
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकवाद के चलते कश्मीर से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों के नाम आज भी घाटी के उन मतदाता सूचियों में दर्ज हैं, जहां के वह मूल निवासी हैं। राज्य चुनाव कार्यालय ने सोमवार को इसकी पुष्टि की।
चुनाव कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू कश्मीर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम-1957 और जम्मू कश्मीर चुनाव प्रक्रिया नियम-1965 में संशोधन के तहत कश्मीरी विस्थापितों के नाम कश्मीर घाटी में उनके मूल निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूचियों में शामिल किए गए हैं। शहरी निकाय चुनाव मतदाता सूची पूरी तरह विधानसभा मतदाता सूचियों से ही जुड़ी होती हैं। इसलिए उनके नाम कश्मीर घाटी में नगरपालिका, नगर परिषदों और निगमों की मतदाता सूचियों में शामिल हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि शहरी निकाय चुनाव-2018 में कश्मीरी विस्थापित अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें। इसलिए उन्हें डाकमत से मताधिकार का प्रयोग करने वाले वर्ग में अधिसूचित किया गया है। इस संदर्भ में 16 सितंबर 2018 को एक अधिसूचना जारी की जा चुकी है। इसी आधार पर कश्मीरी विस्थापितों द्वारा डाकमत के जरिये शहरी निकाय-2018 में डाक के जरिये वोट डालने की योजना को भी अधिसूचित किया गया है। इस योजना के तहत कश्मीर घाटी में छह पारगमन शिविरों समेत 16 स्थानों पर कश्मीरी विस्थापितों के लिए मतदाता सूचियां उपलब्ध कराई गई हैं ताकि वह डाकमत के जरिये वोट करने के लिए आवेदन कर सकें।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने ऐसे आवेदनों की अंतिम तिथि म्यूनिसिपल कमेटी या कौंसिल के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि के साथ ही रखी है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने जम्मू, ऊधमपुर और दिल्ली के लिए असिस्टेंट रिटर्निग ऑफिसर (विस्थापित) अधिसूचित कर दिए हैं। असिस्टेंट रिटर्निग ऑफिसर जम्मू नोडल प्वाइंट रहेंगे। जबकि राहत आयुक्त जम्मू विभिन्न शिविरों में इस प्रक्रिया के संचालन के लिए अधिकारियों को नामित करेंगे। इस प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी और संबंधित दस्तावेज डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.सीईओजेके.एनआइसी.इनकी वेबसाइट से भी प्राप्त किए जा सकते हैं।