जुम्मे पर एक बार फिर प्रतिबंधों में नजर आई घाटी, हालात सामान्य पर आम जनजीवन प्रभावित
अलगाववादियों और आतंकियों के मंसूबों को भांपते हुए राज्य प्रशासन ने आज श्रीनगर के डाऊन-टाऊन समेत वादी के सभी संवेदनशील इलाकों में प्रशासनिक पाबंदियों को लागू कर दिया।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। घाटी में तनाव और अातंकियों दी जा रही धमकियों के बावजूद सामान्य हो रहा जनजीवन शुक्रवार को एहतियात के तौर पर विभिन्न इलाकों में लगाई गई प्रशासनिक पाबंदियों से प्रभावित नजर आया। सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रहा । विभिन्न सड़कों पर शरारती तत्वों की आवाजाही को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने अवरोधक लगाने के अलावा नाके भी स्थापित किए। इस बीच, एतिहासिक जामिया मस्जिद, हजरतबल दरगाह और खानकाह मौला में लगातार अाठवें शुक्रवार को नमाज ए जुम्मा की अजान नहीं हुई।
अलगाववादियों और आतंकियों के मंसूबों को भांपते हुए राज्य प्रशासन ने आज श्रीनगर के डाऊन-टाऊन समेत वादी के सभी संवेदनशील इलाकों में प्रशासनिक पाबंदियों को लागू कर दिया। अलबत्ता, सीविल लाईंस इलाकों में किसी भी तरह की पाबंदियां नहीं थी। संवेदनशील इलाकों में लगायी गई पाबंदियों का असर और अलगाववादियों व आतंकियों द्वारा गड़बड़ी किए जाने की आशंका के असर से सामान्य जनजीवन प्रभावित नजर आया। सड़कों पर आज बीते दिनों की अपेक्षा वाहनों की संख्या बहुत कम रही।
अधिकांश सड़कें सूनी ही रही।सरकारी कार्यालयों में भी आज प्रशासनिक पाबंदियों का असर नजर आया। अधिकांश कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति नाममात्र रही,लेकिन नागरिक सचिवालय में हाजिरी लगभग सामान्य रही। शिक्षण संस्थान भी बंद रहे। गली-बाजारों में बीते दिनों के दौरान अलगाववादियों व आतंकियों के फरमान को ठेंगा दिखाकर रेहड़ी, फड़ी और फुटपाथ पर अपनी दुकानें सजाने वालों की लगातार बड़ती नजर आ रही संख्या आज बहुत कम रही।
श्रीनगर की एतिहासिक जामिया मस्जिद के अलावा हजरतबल दरगाह और खानकाह मौला में नमाज ए जुम्मा नहीं हुई। एतिहासिक जामिया मस्जिद डाऊन-टाऊन के नौहटटा में स्थित है। खानकाह ए मौला भी डाऊन-टाऊन में ही है। हजरतबल दरगाह शहर के बाहरी छोर पर नसीम बाग इलाके में स्थित है। डाऊन-टाऊन को अलगाववादियों का गढ़ माना जाता है और प्रत्येक शुक्रवार को नमाज ए जुम्मा के बाद अक्सर पाकिस्तान समर्थक तत्व इसी इलाके में नमाज ए जुम्मा के बाद पाकिस्तानी ध्वज लहराते हुए राष्ट्रविरोध प्रदर्शन करते थे। आज प्रशासनिक पाबंदियों के चलते कोई भी व्यक्ति इस इलाके में नमाज ए जुम्मा के लिए जमा नहीं हो पाया।
सुरक्षाबलों ने भी किसी बाहरी व्यक्ति को नौहटटा में दाखिल नही होने दिया। स्थानीय लोग भी हिंसा की आशंका के चलते जामिया मस्जिद में नहीं आए। लिहाजा, नमाज-ए-जुम्मा नहीं हो पायी। पांच अगस्त के बाद से यह लगातार आठवां शुक्रवार है,जब जामियामस्जिद में नमाज ए जुम्मा नहीं हुई है।
सनद रहे कि आज संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुददे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान संबोधित करने वाले हैं। पांच अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में पुनर्गठित किए जाने से अपने भारत विरोधी व जिहादी मंसूबे के नाकाम होने से हताश पाकिस्तान व उसके द्वारा प्रायोजित आतंकी संगठन कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए हर संभव साजिश कर रहे हैं। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी व अलगाववादी संगठनों द्वारा कश्मीर में जबरन बंद लागू कराया जा रहा। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, आज यूएनजीए के सम्मेलन के मददेनजर आतंकी और अलगाववादी तत्व कश्मीर में नमाज ए जुम्मा के दौरान हिंसा भड़काने की साजिश रची है।