कश्मीर में बंद व हिसक झड़पें
राज्य ब्यूरो श्रीनगर जमायत-ए-इस्लामी कश्मीर पर प्रतिबंध व धारा 370 में आरक्षण संबंधी एक प्रावध
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जमायत-ए-इस्लामी कश्मीर पर प्रतिबंध व धारा 370 में आरक्षण संबंधी एक प्रावधान में संशोधन के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को वादी में हड़ताल रही। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियों के बीच कई जगह हुर्रियत व जेकेएलएफ कार्यकर्ताओं ने जुलूस भी निकाले। इस दौरान डाउन-टाउन में हुर्रियत और जमायत समर्थकों की सुरक्षाबलों से हिसक झड़पें भी हुई, जिनमें छह लोग जख्मी हुए हैं। इनमें एक महिला नीलोफर पत्थरबाजों के हमले में घायल हुई है। इस दौरान मीरवाइज मौलवी उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी समेत सभी प्रमुख अलगाववादी नेता अपने घरों में नजरबंद रहे।
केंद्र द्वारा जमायत-ए-इस्लामी कश्मीर पर प्रतिबंध के फैसले का असर सुबह ही पूरी वादी में नजर आया। प्रशासन ने भी स्थिति को भांपते हुए श्रीनगर समेत वादी के सभी प्रमुख शहरों व कस्बों में तड़के ही पुलिस व सीआरपीएफ की अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात कर दिया। डाउन-टाउन के विभिन्न हिस्सों के अलावा अनंतनाग, पुलवामा और शोपियां के सभी संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा भी लगाई गई। कई जगह कंटीली तारें भी लगाई गई थीं।
मीरवाइज मौलवी, गिलानी, प्रो. अब्दुल गनी बट, बिलाल गनी लोन, हिलाल वार, जफर अकबर, सलीम गिलानी, मुख्तार वाजा समेत सभी वरिष्ठ अलगाववादी नेताओं को प्रशासन ने उनके घरों में नजरबंद रखा। एतिहासिक जामिया मस्जिद की तरफ आने जाने वाले रास्ते भी बंद रखे गए थे, क्योंकि अक्सर नमाज-ए-जुमा के बाद जामिया मस्जिद के बाहर ही हिसक प्रदर्शनों की शुरुआत होती है और पाकिस्तानी झंडे लहराए जाते हैं। इसके चलते नमाज-ए-जुमा नहीं हो पाई।
दोपहर को हुर्रियत व जेकेएलएफ के कार्यकर्ताओं ने मैसूमा, हैदरपोरा, नटीपोरा समेत शहर के विभिन्न हिस्सों में जुलूस निकाले। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, बिजबिहाड़ा, त्राल के अलावा सोपोर में जुलूस निकाले। मैसूमा, हैदरपोरा और नटीपोरा में यह जुलूस बिना किसी हिसा के समाप्त हो गए। लेकिन बिजबिहाड़ा, अनंतनाग, सोपोर और डाउन-टाउन के विभिन्न हिस्सों में हिसक झड़पें हुई। पुलिस ने हिसक प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए लाठियों, आंसूगैस का सहारा लिया।