Kashmir Situation: कश्मीर में हालात सुधरते ही अलगाववादियों की गतिविधियां भी हुई शुरू
सूत्रों ने बताया कि मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने इसी सप्ताह अपने परिचित को फोन पर संपर्क कर राजबाग में बंद पड़े हुर्रियत मुख्यालय को खोलने के लिए कहा था।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में धीरे-धीरे शुरू हो रही सियासी गतिविधियों को देख कश्मीर में अलगाववादियों ने भी अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं। मीरवाइज मौलवी उमर फारूक के नेतृत्व में उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं ने पिछले दिनों बैठक भी की है। यही नहीं हुर्रियत कार्यालय भी कुछ देर के लिए खुला, लेकिन फिर उसके गेट पर ताला लग गया। अलबत्ता, पुलिस ने हुर्रियत कार्यालय खुलने या फिर हुर्रियत नेताओं की मीरवाइज के घर हुई बैठक की पुष्टि से इंकार किया है।
पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने के बाद से ही कश्मीर घाटी में मुख्यधारा और अलगाववादी विचारधारा की सियासी गतिविधियां लगभग ठप हो चुकी हैं। अलगाववादी खेमे के अधिकांश नेता व केडर नजरबंद है या फिर जम्मू कश्मीर और देश के अन्य भागों की जेलों में बंद है। मीरवाइज, जावेद मीर, प्रो. अब्दुल गनी बट, बिलाल गनी लोन, हिलाल वार, मुस्सदिक आदिल, मुख्तार वाजा और कट्टरपंथी हुर्रियत चेयरमैन सईद अली शाह गिलानी को हिरासत में नहीं लिया गया है। यह सभी नेता नजरबंद होने का दावा करते हैं, लेेकिन प्रशासन इनकी नजरबंदी को नकारता है।
जम्मू कश्मीर के बदले हालात में हुर्रियत कांफ्रेंस व अन्य अलगाववादी संगठन पूरी तरह शांत नजर आ रहे है। मीरवाइज मौलवी उमर फारुक और कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी की तरफ से दो-तीन ही बयान बीते छह माह के दौरान जारी हुए हैं। अलगाववादी नेता सार्वजनिक तौर पर सियासी मुद्दाें पर बातचीत करने से परहेज कर रहे हैं। उनकी गतिविधियां लगभग ठप ही है। इसी सप्ताह मीरवाइज मौलवी उमर फारुक ने घाटी में शुरू हो रही सियासी गतिविधियों के बीच अपनी अलगाववादी सियासत को आगे बढ़ाने के लिए सक्रिय होने का प्रयास किया है।
सूत्रों ने बताया कि मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने इसी सप्ताह अपने परिचित को फोन पर संपर्क कर, राजबाग में बंद पड़े हुर्रियत मुख्यालय को खोलने के लिए कहा था। इसके साथ उन्होंने कहा कि उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस की कार्यकारी समिति के सदस्यों को कार्यालय में सुविधानुसार आने के लिए कहा जाए ताकि आगे की रणनीति तय की जाए। सूत्रों ने बताया कि मीरवाइज के इस संदेश के आधार पर हुर्रियत कांफ्रेंस कार्यालय तीन दिन पहले कुछ देर के लिए खुला था।
इस बीच, पुलिस मौके पर पहुंची और कार्यालय बंद हो गया। इस बीच प्रो. अब्दुल गनी बट और मुस्सदिक आदिल समेत कुछ वरिष्ठ अलगाववादी नेता हुर्रियत कार्यालय में तो नहीं पहुंचे, लेकिन वह मीरवाइज मौलवी उमर फारूक के घर में बैठक लिए जमा हुए। यह बैठक करीब दो घंटे चली। बैठक में क्या हुआ, इस पर कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। सूत्रों की मानें तो बैठक में मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने जम्मू-कश्मीर के बदले हालात में अपने सियासी एजेंडे में बदलाव की संभावना व इससे होने वाले असर पर अपने वरिष्ठ सहयोगियों से चर्चा की है।
इस संदर्भ में जब मीरवाइज मौलवी उमर फारुक से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन स्विच आफ मिला। जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी से जब इस बैठक के बारे में पूछा तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि मीरवाइज पर कोई पाबंदी नहीं है। उनके साथ उनके मित्र-रिश्तेदार अकसर मिलते रहते हैं।