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मूसा का करीबी शब्बीर ढेर

नोट : पहले भेजी गई अंसार उल गजवा ए ¨हद का आतंकी ढेर शीर्षक से खबर रद कर दें। कॉपी

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 02:29 AM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 02:29 AM (IST)
मूसा का करीबी शब्बीर ढेर
मूसा का करीबी शब्बीर ढेर

नोट : पहले भेजी गई अंसार उल गजवा ए ¨हद का आतंकी ढेर शीर्षक से खबर रद कर दें। कॉपी बदली गई है।

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राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में अलकायदा की पहचान बने जाकिर मूसा को सुरक्षाबलों ने शनिवार को झटका देते हुए उसका दाहिना हाथ कहे जाने वाले आतंकी शब्बीर अहमद डार उर्फ शब्बीर माली को पुलवामा के बाबगुंड में मार गिराया। मुठभेड़ में हिज्ब का कुख्यात आतंकी जहूर भाग निकला। जबकि एक अन्य आतंकी शौकत घायल हो गया जिसे पुलिस ने अस्पताल से गिरफ्तार किया। वहीं, बड़गाम के यारीगुंड में सेना की दो राष्ट्रीय राइफल (आरआर) का एक गश्तीदल आतंकी हमले में बाल-बाल बच गया।

शुक्रवार मध्य रात्रि 55 आरआर का एक गश्तीदल अपने कैस्पर वाहन में बाबगुंड, पुलवामा से गुजर रहा था। गांव के बाहरी हिस्से से गुजरते जवानों पर वहां छिपे आतंकियों ने स्वचालित हथियारों से फाय¨रग कर दी। जवानों ने जवाबी फायर करते हुए पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली। शनिवार तड़के तक दोनों तरफ से गोलियां चलती रहीं। इस दौरान आतंकी ठिकाना बना एक मकान जोरदार धमाके के साथ तबाह हो गया। जवानों ने मुठभेड़ स्थल की तलाशी ली तो उन्हें एक आतंकी का गोलियों से छलनी शव मिला। मारे गए आतंकी की पहचान सांबूरा पांपोर के शब्बीर अहमद डार उर्फ शब्बीर माली के रूप में हुई है। वह अंसार उल गजवा ए ¨हद के प्रमुख आतंकियों में एक था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शब्बीर के साथ दो और आतंकी वहां थे। हिज्ब का कुख्यात आतंकी जहूर अहमद ठोकर भाग निकला। मुठभेड़ में जख्मी शौकत अहमद डार पुत्र नजीर अहमद डार निवासी मुरन पुलवामा को पुलिस ने श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया। उसके पेट में गोली लगी थी। अस्पताल में उसे भर्ती कराने आए कुछ लोगों जिनमें दो महिलाएं भी थीं, ने उसका नाम बशीर अहमद लिखवाया और वहां से गायब हो गए। डॉक्टरों ने बताया कि शौकत के पेट में गोलियां लगी थी। शौकत 16 जुलाई को आतंकी बना है। उसने ही अपने साथियों संग 16 जुलाई को मुरन चौक के पास नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक गुलाम मोहिउद्दीन पर हमला किया। हमले मे नेकां नेता बाल-बाल बच गए थे, लेकिन उनके दो अंगरक्षक शहीद हो गए थे। शौकत ने हमले में शामिल आतंकियों की पूरी मदद की थी और जब उसका नाम सामने आया तो वह गायब होकर आतंकी संगठन का सक्रिय सदस्य बन गया। जहूर ठोकर छह जुलाई 2017 को आतंकी बना था। वह सेना की टेरिटोरियल आर्मी का जवान था। इसी साल शोपियां में सैन्यकर्मी औरंगजेब को अगवा कर मौत के घाट उतारने की वारदात में भी वह शामिल था।

इस बीच, शनिवार तड़के श्रीनगर से सटे जिला बडगाम के यारीगुंड इलाके में गश्त पर निकले सेना की 2 आरआर के जवानों पर मोटरसाइकिल पर आए दो आतंकियों ने एक के बाद एक दो ग्रेनेड फेंके। इनमें से एक ग्रेनेड जवानों से कुछ दूरी पर गिरा और फट गया, लेकिन दूसरे में कोई धमाका नहीं हुआ। जवानों ने अपनी पोजीशन ली और आतंकियों पर गोली चलाई, लेकिन आतंकी भागने में कामयाब रहे। फिलहाल, उनकी धरपकड़ के लिए यारीगुंड, बंदनाड़ा और गगरीपोरा इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया है। इस बीच, बम निरोधक दस्ते ने यारीगुंड में आतंकियों द्वारा फेंके गए एक ग्रेनेड जिसमें धमाका नहीं हुआ था, को अपने कब्जे में लेकर नकारा बनाया। गौरतलब है कि अलकायदा के स्थानीय संगठन अंसार उल गजवा ए ¨हद के कमांडर शब्बीर माली के सांबूरा पांपोर घर से 23 जुलाई को सुरक्षाबलों ने आइईडी के अलावा आइईडी बनाने के साजोसामान समेत दो किलो आरडीएक्स बरामद किया था। पुलिस ने शब्बीर माली के भाई इरफान अहमद डार को भी गिरफ्तार किया था।


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