कश्मीर बंद, अलगाववादी नजरबंद
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों की कार्रवाई, आतंकरोधी अभियानों और पत्रकार शुज
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों की कार्रवाई, आतंकरोधी अभियानों और पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या के खिलाफ वीरवार को अलगाववादियों के बंद व हड़ताल से सामान्य जनजीवन लगभग ठप होकर रह गया। इस दौरान, अलगाववादियों के प्रदर्शन व जुलूसों को नाकाम बनाने के लिए पुलिस ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चेयरमैन यासीन मलिक को एहतियातन हिरासत में ले लिया। साथ ही कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी, उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, तहरीके हुर्रियत के चेयरमैन मोहम्मद अशरफ सहराई और पीपुल्स पॉलिटीकल पार्टी के चेयरमैन हिलाल अहमद वार समेत सभ्सी प्रमुख अलगाववादियों को उनके घरों में नजरबंद रखा। प्रशासन ने बनिहाल-बारामुला रेल सेवा भी एहतियातन बंद रखी।
सुबह से ही श्रीनगर, बारामुला, अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, मागाम, हंदवाड़ा, कुपवाड़ा, गांदरबल, चाडूरा, कुलगाम, काजीगुंड समेत वादी के सभी प्रमुख शहरों और कस्बों में बंद का असर नजर आया। सभी दुकानें और निजी प्रतिष्ठानों के साथ सभी शिक्षण संस्थान भी पूरी तरह बंद रहे। सार्वजनिक वाहन भी सड़कों से लगभग गायब रहे। तिपहिया और निजी वाहन जरूर नजर आए, लेकिन उनकी संख्या सामान्य से कहीं कम थी। सरकारी कार्यालय खुले थे, लेकिन कर्मचारियों की उपस्थिति नाममात्र रही। बैंकों में भी कामकाज नहीं हुआ। बंद के दौरान अलगाववादियों द्वारा राष्ट्रविरोधी जुलूस और प्रदर्शन के आयोजन के मद्देनजर प्रशासन ने सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त किया था। इस दौरान वादी में स्थिति लगभग शांत और सामान्य रही।
हुर्रियत समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप ने कश्मीर में पहले 20 जून बुधवार को बंद का आहवान किया था, लेकिन इस दिन कश्मीरी पंडितों के क्षीर भवानी मेले के मद्देनजर अलगाववादी खेमे ने बंद को स्थगित करते हुए 21 जून यानि वीरवार को बंद का एलान किया था।