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जेकेएपी ने जम्मू कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा मांगा

दो दिन चली बैठक में 10 प्रस्ताव पारित किए गए। जेकेएपी अनुच्छेद 370 समाप्त करने के खिलाफ सर्वाेच्च अदालत में याचिका दायर करेगी। साथ ही नए विधानसभा व संसदीय क्षेत्रों बनाने या मौजूदा निर्वाचन क्षेत्रों में बदलाव का विरोध किया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 08:51 AM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 08:51 AM (IST)
जेकेएपी ने जम्मू कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा मांगा
जेकेएपी ने जम्मू कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा मांगा

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के समग्र राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परि²श्य पर दो दिन के मंथन के बाद जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ने प्रदेश के लिए यथाशीघ्र पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली व विधानसभा चुनाव कराने की मांग की। दो दिन चली बैठक में 10 प्रस्ताव पारित किए गए। जेकेएपी अनुच्छेद 370 समाप्त करने के खिलाफ सर्वाेच्च अदालत में याचिका दायर करेगी। साथ ही नए विधानसभा व संसदीय क्षेत्रों बनाने या मौजूदा निर्वाचन क्षेत्रों में बदलाव का विरोध किया है।

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जेकेएपी के 30 नेताओं की बुधवार पार्टी अध्यक्ष बुखारी के निवास पर करीब चार घंटे चली बैठक बिना किसी नतीजे पर संपन्न हुई थी। वीरवार सुबह बैठक का दूसरा दौर फिर शुरू हुआ जो दोपहर को खत्म हुआ। बुखारी ने कहा कि हम किसी को सब्ज बाग नहीं दिखा रहे हैं, जेकेएपी यथार्थवादी और व्यावहारिक मुद्दों पर आधारित है। 70 वर्षो से जम्मू कश्मीर में लोगों की भावनाओं के शोषण की सियासत होती रही। अब आप लागों को मूर्ख नहीं बना सकते। हमने दो दिन तक रियासत के समक्ष चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की है। बैठक में 10 प्रस्ताव पारित किए हैं। इनमें अनुच्छेद 370हटाने के खिलाफ दायर याचिका की जल्द सुनवाई से संबंधित है। जल्द सर्वाेच्च न्यायालय में याचिकाय दायर कर, संबंधित मुद्दे पर सुनवाई को यथाशीघ्र निपटाने का आग्रह करेंगे। यह जिम्मा हमने स. जगमोहन सिंह रैना को सौंपा है। बुखारी ने बताया कि जम्मू कश्मीर प्रदेश को जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान करने और जल्द विधानसभा चुनाव करा लोकप्रिय सरकार के गठन का प्रस्ताव पारित किया है। केंद्र वादे को पूरा करे। प्रदेश में 4जी इंटरनेट सेवा को बहाल करने और कोविड-19 व जम्मू कश्मीर में कुछ सालों के दौरान रही कानून व्यवस्था की स्थिति से प्रभावित पर्यटन और व्यापार जगत को फिर पटरी पर लाने के लिए वित्तीय पैकेज, स्थानीय युवाओं के लिए सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र में रोजगार के अवसर सुनिश्चित बनाने, प्रदेश में स्वास्थ्य ढांचा मजबूत बनाने, सीमात क्षेत्रों में बंकर निर्माण, श्रीनगर-जम्मू हाईवे की दशा सुधारने, बाढ़ प्रभावितों के लिए तत्काल राहत एवं पुनर्वास की व्यवस्था की मांग भी की है। हमने परिसीमन आयोग द्वारा स्वेच्छा से नए विधानसभा या संसदीय निर्वाचन क्षेत्र बनाने या फिर मौजूदा क्षेत्रों में बदलाव के विरोध का प्रस्ताव पारित किया है। ऐसा कोई कदम हमें स्वीकर्य नहीं होगा । परिसीमन सभी के साथ विचार विमर्श के बाद हो। साथ ही जेकेएपी ने जम्मू कश्मीर में केंद्रीय प्रशासकीय ट्रिब्यूनल की अलग-अलग पीठ स्थापित करने, एसआरओ 202 को समाप्त करने, लघु खनिजों के उत्खनन का अधिकार स्थानीय लोगों को देने पर जोर दिया।


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