Ceasefire Violation: जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान ने किया सीजफायर का उल्लंघन
पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान लगातार सीमावर्ती रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर फायरिंग कर रहा है।
श्रीनगर, एएनआइ। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान सीमा पर बार-बार मुंह की खाने के बावजूद अपनी नापाक हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा है। पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान लगातार सीमावर्ती रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर फायरिंग कर रहा है।
पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। पाकिस्तान लगातार सीमावर्ती रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर फायरिंग कर रहा है। वहीं, भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की है और पाकिस्तानी सेना को मुहंतोड़ जवाब दिया है। इस गोलीबारी में अब तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं हैं।
पाकिस्तान द्वारा सीजफायर तोड़ने का मामला ऐसे समय सामने आ रहा है, जब नागरिकता संशोधन बिल को लेकर बवाल मचा है। इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। पाकिस्तानी संसद ने भारत के इस बिल के खिलाफ प्रस्ताव भी पारित किया है।
बंकर निर्माण का काम जल्द पूरा करने की मांग
जानकारी हो कि हीरानगर सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से रात के समय जारी गोलाबारी से परेशान लोगों ने सरकार से बंकर निर्माण का काम जल्द पूरा करवाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि पाकिस्तान पिछले छह माह से हीरानगर सेक्टर में गोलाबारी करता आ रहा है। अभी तक गांव में सभी परिवारों के बंकर नहीं बने। उक्त गांव के सरपंच बिक्रम, बचन लाल, प्रीतम चंद, शशी पाल, बोधराज, बलवीर का कहना है कि एक माह पूर्व पाक रेंजरों ने छन्न लालदीन गांव को निशाना बनाकर गोलाबारी की थी। गनीमत यह रही कि मोर्टार के शैल गांव के अंदर नहीं गिरे, अन्यथा जानमाल का नुकसान हो सकता था।
उन्होंने कहा कि छन्न लालदीन में अभी तक 15 के करीब बंकर बने हैं, जबकि डेढ़ सौ के करीब बंकरों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लोगों के पास घरों के अंदर और खेतों में बंकर बनाने के लिए जमीन है, फिर भी काम अधर में लटका हुआ है। पिछले दिनों डीसी कठुआ ओपी भगत ने भी गांव का दौरा किया था, तब भी मांग की थी और उनके आदेश पर पीडब्ल्यूडी ने निशान भी लगाए थे, मगर काम शुरू नहीं किया।
ग्रामीणों का कहना है कि पाकिस्तान ने अगर गांवों में दोबारा गोलाबारी की तो बंकर न होने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पलायन करना पड़ेगा। इससे लोगों को भी आने-जाने में परेशानी होगी और प्रशासन को भी। ऐसे में सरकार को बंकर निर्माण कार्य जल्द पूरा करना चाहिए।
वहीं, पीडब्ल्यूडी के हीरानगर सब डिवीजन के एईई केके अत्री का कहना है कि छन्न लालदीन में नौ व्यक्तिगत और सात सामुदायिक बंकर बने हैं। कुछ घरों में बंकर निर्माण के लिए जमीन कम थी। उनके बंकर बनाने के लिए अधिकारियों की कमेटी ने गांवों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट सरकार को भेजी थी, जिसका कोई जवाब अभी तक नहीं आया है। जैसे ही अगला आदेश मिलता है, काम शुरू कर देंगे।