राजौरी-पुंछ की आठ सीटों पर कड़ा सियासी घमासान, टेंशन में बीजेपी और नेकां-कांग्रेस, कई बड़े नेताओं का टिका है सियासी भविष्य
Jammu Kashmir Election 2024 राजौरी और पूंछ की 8 सीटों पर मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी प्रमुख राजनीतिक दल के प्रत्याशियों की टेंशन बढ़ा दी है। राजौरी से पांच विधानसभा क्षेत्रों से 48 व पुंछ से 33 उम्मीदवार चुनाव मैदान में ताल ठोक चुके हैं। इन सीटों पर मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। रिश्तों की टकराहट भी दिखाई दे रही है।
गगन कोहली, श्रीनगर। Rajouri poonchh vidhan sabha Chunav 2024: राजौरी और पुंछ की आठ सीट पर होने वाले मतदान के लिए चुनावी रण सज चुका है। यहां मुकाबले में दो पार्टियों भाजपा, नेकां में है। दोनों के लिए जीत प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है। निर्दलीय भी बड़ी संख्या में उतर कर जीत का दावा ठोक रहे हैं। वे किसी भी उम्मीदवार का चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं।
कभी गुज्जर और पहाड़ी आरक्षण और कभी सुरक्षा चिंताओं के कारण पांच वर्ष से चर्चा में रहे इस क्षेत्र का सियासी संग्राम भी काफी अहम होने वाला है। भले ही इस क्षेत्र की सीटें केवल आठ हों लेकिन यहां की जीत पार्टियों के लिए सत्ता के ताले की राह खोल सकती है। राजौरी से पांच विधानसभा क्षेत्रों से 48 व पुंछ से 33 उम्मीदवार चुनाव मैदान में खम ठोंक चुके हैं।
सुरेंद्र चौधरी के बीच कांटे की टक्कर
नामांकन वापसी के बाद कुछ दावेदार कम हो सकते हैं पर दिग्गज चेहरों के मैदान में होने के कारण सबकी नजर इस क्षेत्र पर अटकी हुई है। यहां राजनीति के साथ रिश्तों की टकराहट भी दिखाई दे रही हैं। बुद्धल से मामा-भानजा जुल्फिकार अली-जावेद आमने-सामने हैं तो कालाकोट से चाचा-भतीजा ठाकुर रणधीर सिंह-यशुवर्धन सिंह तो सुरनकोट से त्रिकोणीय मुकाबला है।
यहां मुश्ताक बुखारी, शाहनवाज और सोहेल मलिक और अकरम मैदान में हैं। इसके अलावा नौशहरा सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना का सियासी भविष्य टिका है। यहां नेकां से मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे सुरेंद्र चौधरी के बीच कांटे की टक्कर है।
इफ्तकार, विबोध की सियासी जंग में बागी तालिब
राजौरी विधानसभा क्षेत्र में 88526 मतदाता हैं। इस सीट पर मुख्य मुकाबला नेकां-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार इफ्तकार अहमद व भाजपा उम्मीदवार विबोध गुप्ता के बीच है। भाजपा के बागी चौधरी तालिब ने भी नामांकन पत्र जमा करवा दिया है जिससे इस सीट पर मुकाबला रोचक होना तय है। इतना ही नहीं निर्दलीय उम्मीदवार मियां महफूज व पूर्व जज जुबेर अहमद भी वोट तोड़ने का कार्य करेंगे।
नौशेरा
नौशेरा क्षेत्र में 85248 मतदाता हैं। इस सीट पर 2014 की तरह मुख्य मुकाबला भाजपा के रविंद्र रैना व नेकां के उम्मीदवार सुरेंद्र चौधरी के बीच है। 2014 के चुनाव में रविंद्र रैना ने जीत दर्ज की थी। उस समय सुरेंद्र पीडीपी से चुनावी मैदान में उतरे थे। इस बार सुरेंद्र नेकां से हैं। दोनों बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है।
मेंढर
विधानसभा क्षेत्र में 107676 वोट है इस सीट पर नेकां ने जावेद राणा को अपना उम्मीदवार बनाया है जावेद राणा दो बार इस सीट से चुनाव जीत चुके है। जबकि भाजपा ने मुर्तजा खान को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट के ऊपर पीडीपी ने नदीम खान को अपना उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है। इस सीट पर इन्हीं तीनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है।
कालाकोट सुंदरबनी
कालाकोट सुंदरबनी विधानसभा क्षेत्र में 96587 मतदाता है। इस सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा के उम्मीदवार चाचा ठाकुर रणधीर सिंह व नेकां के उम्मीदवार भतीजा यशुवर्धन सिंह के बीच माना जा रहा है। दोनों चाचा भतीजा चुनाव जीतने के लिए मैदान में डटे हुए हैं। जगह-जगह रैलियां कर रहे हैं। सुंदरबनी के अरुण कुमार शर्मा ने अपनी पार्टी से कालाकोट के पूर्व विधायक अशोक शर्मा ने गुलाम नबी आजाद की पार्टी डीपीएपी से नामांकन पत्र जमा करवाया है। दोनों नेता भी अपने अपने क्षेत्र से काफी वोट लेंगे, लेकिन फिर भी मुकाबला चाचा व भतीजे के बीच ही माना जा रहा है।
थन्नामंडी
नई बनी विधानसभा थन्ना मंडी में 121239 मतदाता हैं। इस विधानसभा क्षेत्र से नेकां व कांग्रेस ने शब्बीर अहमद खान को तो भाजपा ने मुहम्मद इकबाल मलिक को चुनावी मैदान में उतारा है। इस विधानसभा क्षेत्र से पीडीपी ने चौधरी कमर हुसैन को चुनावी मैदान में उतारा है। इस सीट से नेकां के बागी पूर्व जज मुजफ्फर हुसैन भी आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। इस सीट पर कड़ा मुकाबला सभी उम्मीदवारों के बीच होना तय है और इस सीट पर जीत का अंतर भी काफी कमी ही होगा।
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पुंछ हवेली
पुंछ हवेली विधानसभा क्षेत्र में 127221 वोटर हैं। इस सीट पर नेकां व कांग्रेस ने एजाज जान को संयुक्त उम्मीदवार बनाया है। एजाज 2008 का चुनाव नेकां की टिकट पर इसी सीट से जीत चुके है। भाजपा ने चौधरी अब्दुल गनी को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं अपनी पार्टी ने 2014 को पीडीपी की टिकट पर इस सीट से चुनाव जीत चुके शाह मुहम्मद तांत्रे को अपना उम्मीदवार बनाया है। इन तीनों के बीच इस सीट पर कांटे की टक्कर तय है जबकि आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरे उद्देश्य कुमार भी इस सीट पर बड़ा उलट फेर कर सकते है।
भाजपा और नेकां से नाराज नेता भी मैदान में
सुरनकोट विधानसभा क्षेत्र में 112193 वोट है इस सीट से भाजपा ने मुश्ताक बुखारी को अपना उम्मीदवार बनाया है जो दो बार इस सीट से नेकां की टिकट पर चुनाव जीत चुके है। जबकि नेकां व कांग्रेस ने शाहनवाज चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
भाजपा ने नाराज डीडीसी सदस्य सोहेल मलिक ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। वहीं टिकट न मिलने से नेकां से नाराज चौधरी अकरम जो कांग्रेस की टिकट पर इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत चुके है वह आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतर चुके है।
जिससे इस सीट पर भी कांटे की टक्कर मानी जा रही है, लेकिन मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच ही होना तय है।
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