Jammu Kashmir: सेना ने जम्मू के त्रिकुटा नगर इलाके में तलाशी अभियान चलाया
जम्मू-कश्मीर एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। इन सब कारणों से जम्मू-कश्मीर में सेना ने जम्मू के त्रिकुटा नगर इलाके में तलाशी अभियान चलाया है।
जम्मू, एएनआई। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के मामले में भारत को पूरी दुनिया से मिले समर्थन को देखते हुए पाकिस्तान भारत के खिलाफ वह चौतरफा साजिशों में जुट गई है। एक तरफ उसने भारत में आतंकी हमलों की कमान जैश-ए-मोहम्मद को सौंपी है, दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हमले के लिए उसने अफगान लड़ाकों की भर्ती करनी शुरू कर दी है। इस बारे में खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। इन सब कारणों से जम्मू-कश्मीर में सेना ने जम्मू के त्रिकुटा नगर इलाके में तलाशी अभियान चलाया है।
जानकारी हो कि भारतीय एजेंसियों की ओर से जारी अलर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार से घुसपैठ कराने के लिए 60 अफगानी लड़ाकों की भर्ती की है। ये आतंकी जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हमलों को अंजाम देंगे। इस इनपुट के बाद भारतीय सुरक्षा बलों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। खुफिया इनपुट में कहा गया है कि विभिन्न आतंकी संगठनों के लगभग 40 से 60 अफगान आतंकी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी द्वारा भर्ती किए गए हैं। ये आतंकी अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर जम्मू और कश्मीर में घुसपैठ करेंगे। इन सब कारणों से जम्मू-कश्मीर में कई इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार समाचार एजेंसी एएनआइ को मिले दस्तावेज बताते हैं कि आत्मघाती जैकेटों से लैस दर्जनों जम्मू-कश्मीर में हमलों को अंजाम देंगे। इन आतंकियों को अफगानिस्तान में ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद इन्हें जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए लॉन्चिंग पैड पर भेजा जाएगा। खुफिया एजेंसियों को मिले इनपुट में कहा गया है कि आइएसआइ ने अफगानिस्तान के बदख्शां प्रांत में कई आतंकी संगठनों के साथ बैठक की और इन आतंकियों का चयन किया। ये आतंकी इसी महीने अफगानिस्तान से रवाना हो जाएंगे और छोटे समूहों में घुसपैठ की कोशिश करेंगे। एजेंसियों को संदेह है कि आतंकियों के ये समूह 24-48 घंटे के अंतराल में घुसपैठ को अंजाम देंगे।
अब जमीन से आसमान तक दुश्मनों पर रहेगी नजर
आतंकियों से लोहा लेने वाली राज्य पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को और मजबूत किया गया है। अब एसओजी का दस्ता जमीन से लेकर आसमान तक से देश के दुश्मनों पर नजर रख पाएगा। एसओजी को आधुनिक सुविधाओं से लैस ड्रोन दिए गए हैं। तलाशी अभियान के दौरान एसओजी के जवानों के लिए ड्रोन विमान तीसरी आंख का काम करेगा।
मुठभेड़ के दौरान आतंकी अक्सर घने जंगलों में छिप कर सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं। सुरक्षा बलों को आतंकियों की पोजीशन को खोजने में अपने कई जवानों की जान तक गंवानी पड़ जाती है। अब एसओजी के जवानों को मिले ड्रोन आतंकियों के लिए उनका काल बनेंगे। बिना जान के नुकसान के ड्रोन की मदद से एसओजी के जवान आतंकियों की गतिविधियों के बारे में सटीक जानकारी हासिल कर सकते हैं। पूरी ताकत से हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार सकते हैं। ड्रोन विमान में लगे कैमरे से ऊंचाई वाले क्षेत्र से लाइव वीडियो के अलावा फोटो भी खींचे जा सकते हैं, जिनके आधार पर सुरक्षा बंदोबस्त को पुख्ता किया जा सकता है।