वतन की हिफाजत की कसम ले सेना में शामिल हुए कश्मीर के 575 युवा Srinagar News
उनका कहना था कि वे देश के किसी भी कोने में अपनी सेवाएं देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सेना में शामिल होने पर अपने आप को वे गौरवान्वित महसूस कर रहे थे।
श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद एक ओर जहां पाकिस्तान घाटी के युवाओं को उकसाने में लगा हुआ है, वहीं स्थानीय युवा इससे बेखबर देश पर मर-मिटने की शपथ लेकर भारतीय सेना में शामिल हो रहे हैं। शनिवार को बाना सिंह परेड ग्राउंड जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री में आयोजित पासिंग आउट परेड में जम्मू-कश्मीर के विभिन्न भागों से ऐसे ही 575 युवा अपनी ट्रेनिंग पूरी कर भारतीय सेना में शामिल हो गए। उन्होंने देश की हिफाजत करने की कसम खाई।
सुबह साढ़े नौ बजे बलिदानम् वीर लक्ष्णम गीत की मुधर धुनों पर ये युवा सधे कदमों के साथ मार्च पास्ट करते हुए जब तिरंगे को सलामी देते निकले तो दर्शक दीर्घाआें में बैठे लोग भी रोमांचित हो उठे। दर्शकों की भीड़ में बैठे परिजन भी अपने बच्चों के चौढ़े सीने को फूला देख खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। परेड की सलामी एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने ली।
श्रीनगर के स्थानीय निवासी वसीम अहमद मीर की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। उनका कहना था कि अब वह भी अपने पिता की तरह सेना में शामिल होकर मातृभूमि की सेवा करेंगे। वसीम ने कहा कि जब भी वह अपने पिता को सेना की वर्दी में देखता था, उसमें यह जनून पैदा होता था कि वह भी यह वर्दी पहने। आज जब यह सपना पूरा हो रहा है तो गर्व महसूस हो रहा है।
वहीं दीक्षांत समारोह के बाद अपने पिता अली मोहम्मद नायक के पास खड़े रिजवान ने कहा कि मैंने आज अपना शौक और अपने वालिद की ख्वाहिश पूरी की है। उड़ी निवासी रिजवान ने कहा कि मैं बचपन से फौजी बनना चाहता था। यह पूछे जाने पर कि कश्मीर में तो कुछ लोग कहते हैं कि हिंदोस्तान की फौज में नहीं जाना चाहिए, इस पर उसने कहा कि ऐसा सिर्फ कश्मीर और कौम के दुश्मन ही कहते हैं। मेरा गांव एलओसी पर है, मैं अच्छी तरह जानता हूं कि हमारा दुश्मन कौन है और किससे लड़ना है। उसके पिता अली मोहम्मद नायक ने कहा कि मैने बहुत सोच समझकर ही अपने बेेटे को फौजी बनाया है। मैं चाहता हूं कि मेरा बेटा सरहद पर सीना तानकर खड़ा हो ताकि कश्मीर में खून खराबा करने के लिए कोई नहीं आ सके। हमारे घरों पर सरहद पार से गोले न गिरें। कश्मीर में अमन हो।
परेड में शामिल होने वाले हरेक युवा का अनुभव इसी तरह का था। उनका कहना था कि वे देश के किसी भी कोने में अपनी सेवाएं देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सेना में शामिल होने पर अपने आप को वे गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। जवानों का कहना था कि अगर वतन की हिफाजत करते हुए अपनी जान भी कुर्बान करना पड़े तो पीछे नहीं हटेंगे। सेना में ये युवा उस समय शामिल हुए हैं जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद तनाव की स्थिति बनी हुई है। पूरे कश्मीर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं और देश के विभिन्न भागों से अर्द्धसैनिक बलों को लाकर जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया है।
ऐसे में युवाओं के सेना में शामिल होने पर उनके चेहरे पर झलक रही खुशी की लहर हर किसी के लिए गर्व की बात है। वहीं युवाओं के साथ आए उनके परिजन भी खुश थे। उनका कहना था कि उनके बच्चे सेना में शामिल हुए हैं, ये उनके लिए गर्व की बात है। ये युवा जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री में शामिल हुए हैं। इसका गठन साल 1947 में घुसपैठ को रोकने के लिए किया गया था।
लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने इस मौके पर कहा कि भविष्य में भी इस क्षेत्र में इसी तरह की भर्ती रैलियां स्थानीय युवाओं के लिए आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि जो भी देश के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, भारतीय सेना उनके साथ खड़ी है। जम्मू-कश्मीर के युवा जिस तरह से सेना में शामिल हो रहे हैं, वे यहां के बदल रहे हालात को साफ दर्शाता है।
घाटी में जल्द होगी एक और भर्ती रैली
भारतीय सेना के एडजुडेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर के नौजवान जिस संख्या में भारतीय सेना का हिस्सा बन रहे हैं,वह किसी को भी हैरान कर सकती है। यह साबित करता है कि जम्मूकश्मीर का युवा पूरी तरह राष्ट्रभक्त है और वह देश की एकता अखंडताके लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने को हमेशा तत्पर है। स्थानीय युवाओं के सेना के प्रति जोश और जुनून को देखते हुए ही अक्तूबर माह के पहले सप्ताह में भर्ती अभियान चलाया जा रहा है। इसमें करीब 2070 लड़कों को भर्ती किया जाएगा। इसके बाद भी एक और भर्ती अभियान स्थानीय युवाओं के लिए चलाया जाएगा।उसकी रुप रेखा भी तय की जा रही है।
सावन को मिला शेरे कश्मीर स्वोर्ड आॅफ ऑनर
रंगरुट सावन कुमार को प्रशिक्षण के दौरान सभी विधाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ रंगरुट चुना गया। इसके लिए उन्हें शेरे कश्मीर स्वोर्ड ऑफ ऑनर और त्रिवेणी सिंह पदक से सम्मानित किया गया। रंगरुट पंकज कुमार को निशानेबाजी में अव्वल रहने पर छवांग रिंचेन पदक से सम्मान किया गया है।