Jammu and Kashmir में बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण 173 सड़कें अभी भी बंद
जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी और हिमस्खलन के बाद तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कुल 173 सड़कें अभी भी बंद हैं। मौसम विभाग के अनुसार अभी कुछ दिन और मौसम खराब रहेने की आशंका है। बर्फबारी और हिमपात की भी संभावना बनी हुई है। (फाइल फोटो)
श्रीनगर, एएनआई। जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी और हिमस्खलन के बाद तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कुल 173 सड़कें अभी भी बंद हैं। जम्मू-कश्मीर ट्रैफिक पुलिस ने शनिवार सुबह जानकारी दी कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सुचारू रूप से चल रहा है जबकि मुगल रोड और एसएसजी रोड बंद है।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में अगले 24 घंटों शुष्क मौसम रहने का अनुमान है, साथ ही उत्तरी कश्मीर में एक या दो स्थानों पर बहुत हल्की बारिश और हिमपात भी हो सकता है। विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश या हिमपात का भी अनुमान है।
बर्फबारी के कारण हवाई यातायात भी प्रभावित
कुछ स्थानीय लोगों के अनुसार, श्रीनगर, गुलमर्ग और पड़ोसी इलाके पिछले कुछ दिनों से बर्फ की मोटी चादर में ढके हुए हैं, जिससे स्थानीय यातायात और क्षेत्र का सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। लोगों ने यह भी दावा किया कि श्रीनगर में भारी बर्फबारी के कारण हवाई यातायात भी प्रभावित हुआ है।
रामबन प्रशासन ने बुधवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग करने वाले यात्रियों को सड़क के दोनों ओर पत्थरों के गिरने के बाद यातायात सलाह का पालन करने की सलाह दी। रामबन के उपायुक्त मुसर्रत जिया ने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर रामपदी, बनिहाल के पास एक बड़ा भूस्खलन हुआ है। लोगों को यातायात मुख्यालय की सलाह का पालन करना चाहिए।
कश्मीर विश्वविद्यालय में होने वाली परीक्षाएं स्थगित
सड़क के बीच-बीच में बड़े पत्थर देखे गए, जिससे यातायात बाधित हुआ। इससे पहले सोमवार को रामबन जिले के पंथ्याल में भारी बारिश और पत्थर गिरने के कारण राजमार्ग अवरुद्ध हो गया था। रामबन के उपायुक्त ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर पंथ्याल, रामबन में पत्थरों के गिरने की तीव्रता बढ़ जाती है, जिससे यातायात अवरुद्ध रहता है। अधिक अपडेट के लिए प्रतीक्षा करें। अभी यात्रा करना अनुचित है।
भारी बर्फबारी और खराब मौसम की स्थिति ने सोमवार को कश्मीर विश्वविद्यालय में होने वाली सभी स्नातकोत्तर, इंजीनियरिंग और अन्य परीक्षाओं को स्थगित करने के लिए मजबूर कर दिया।